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१३३४
भारत में अंगरेज़ी राज

१३३४ भारत में अंगरेज़ी राज अपहरण जेतपुर का छोटा सा राज बुन्देलखण्ड में था । सन् १८४8 ही में इसी जेतपुर को भी ख़त्म किया गया। ) प्रकार जेतपुर का तजोर कार्र रहा सहा इलाक़ा सन् १८५५ में नाएं इसी प्रणालो के अनुसार कम्पनी के राज में मिला लिया गया । तजोर की विधवा महारानी कामती बाई ने मद्रास गवरमेण्ट के विरुद्ध मद्रास की सुप्रीम तजोर का अपहरण कोर्ट में इस बात की नालिश की कि मेरे पति की वैयक्तिक सम्पति को भी मद्रास गवरमेण्ट ने जब्त कर लिया है, वह मुझे दिलवा दी जाय 1 मद्रास की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रानी के हक़ में किया। मद्रास गवरमेण्ट ने इस फ़ैसले के विरुद्ध इऊ लिस्तांन की प्रीवी कौन्सिल के सामने अपील की 1 प्रीवी कौन्सिल के विद्वान जजों ने फैसला दिया कि यद्यपि अंगरेज सरकार को तकोर पर कब्जा करने का कोई कानूनी अधिकार हासिल न था, और रामी के साथ जबरदस्त अन्याय किया गया है, फिर भी यह मामला राजनैतिक है और अदालत को इसमें दखल देने का कोई हक नहीं, इसलिए मद्रास सुप्रीम कोर्ट का फैसला रद्द किया जाता है और रानी का दावा ख़ारिज़ ! मद्रास का नगर और उसके आस पास का तमाम इलाक़ा किसी समय करनाटक की मुसलमान सरतनत करनाटक का में शामिल था। कम्पनी ने सबसे पहले मद्रास और कड़लोर करनाटक के नवाब से प्राप्त किए । उसके बाद नवाब मोहम्मदती बालाजाहू ने पूना माली का अपहरण