पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/२३४

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१३१३
दूसरा बरमा युद्ध

दूसरा बरमा युद्ध १३१३ रंगून के गधरमर की मारफत बरा के महाराजा के नाम कम्पनी सरकार का पत्र रवाना कर दिया 1 जो शिकायतें कहा जाता है। कि रंगून के अंगरेज़ बाशिन्दों ने वरमा दरबार के विरुद्ध या रंगून के गबरनर के विरुद्ध लिख कर लैम्बर्ट के हाथों में दीं,उनकी संरा ३८ थी । कोई भी निष्प मनुष्य उन शिकायतों का ाड़ी भर मूल्य नहीं कर सकता । इन पर शिकायत करने या के कोई हस्ताक्षर न थे । अधिकतर शिकायतों की कोई तारीख़ तय म थी। प्रसिद्ध अंगरेज़ राजनीतिश कॉवडेन ने, जिसने पार्लिमेट ये सर- कारी कागज़े से लेकर दूसरे वरसा युद्ध का एक निष्पक्ष इतिहास लिखा है। इन ३८ शिकायतों की सूची को 'हंदा' (1:urd) घतलाया है । लॉर्ड एलेन७ तक ने दफ़रवरी सन १९५२ को इनलिस्ताँग की पालिमेण्ट के सामने कहा कि जिस श्रेणी के लोगों ने कैम्प के सांमने शिकायत पेश कीं वे किसी तरह भी विश्वसनीय नहीं कहे जा सकते । किसी तरह को कोई जांच इन गंदा शिकायतों की नहीं की गई । कमाए डर लैम्बर्ट को विश्वास था कि बरमा दरबार मेरी इन शिकायतों को मधुर म करेगा और न इरजाना देना स्वीकार करेगा। इस प्रकार लैम्बर्ट को प्रात्रा थी। कि डलहौजी को वरमा के साथ युद्ध प्रारम्भ करने का पानी से बहाना मिल जायगा। उसने बरमा दरबार को पत्र में लिंग्य दिया था कि पाँच सप्ताह के अन्दर इसका उत्तर मेरे पास पहुंच जाना चाहिए । किन्तु कमाण्डर लैम्बर्ट फी दिली श्राशा पूरी न हुई। पांच