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सिन्ध पर अंगरेज़ों का क़ब्जा़

सिन्ध पर अंगरेजों का क़ब्ज़ा १२२९ को किसी प्रकार का एड देने के निर्णय किया किइतने घोर पाप के करने वाले के साथ हम कोई सम्बन्ध नहीं रख सकते ।" मोहम्मद ख़ाँ को राजधानी से निकाल दिया गया, और फिर इसके बाद ज़िन्दगी भर उसे खैरपुर लौटने की इजाज़त न मिली । यह घटना अमीर रुस्तम ख़ाँ के दरबार की है। हैदराबाद टरबार क के अमीर नसीर खाँ के जीवन की भी इस प्रकार की घटनाएँ ईस्टविक ने उद्धृत की हैं, जिनसे मालूम होता है कि स्त्री जाति और उनके सतीत्व और माम का सिन्ध के अमीरों को ) आलाधारण ख़्याल रहता था । जिस बूढ़े अमीर मीर रुस्तम खाँ को सर विलियम नेपियर ने ‘शराबी' और 'अय्याश’ बयान किया है, उसके विषय में पूना का अंगरेज़ सिविल सर्जन डाक्टर पोयर्ट लिखता है . “खैरपुर का पदच्युत अमीर रुस्तम न), उसका सबसे छोटा तड़का अलीबॉड्रा, औौर भतीजा पदच्युत चमीर नसीर ख़ों मार्च सन् १८४४ से श्रय तक मेरी निगरानी में रहे हैं, और मुझे यह तसदीक करते हुए श्रत्यन्त सन्तोष आनुभव होता है कि इन मुसीबों में भी उनका नाचरण पृश्यन्त उदार ठौर उस्कृष्ट था । मैं अण्छी तरह कह सकता हूँ कि जब से मुझे उनके परिचय का सौभाग्य प्राप्त हुआा है, मैंने कभी कोई यात भी ऐसी नहीं देखी जिससे किसी प्रकार की यदपरहेज़ी या अय्याशी का उन पर आशुमान भी सन्देह किया जा सके, और मुझे इस थात की परीक्षा के काफी अवसर मिल हैं, जिस समय वहा में उनके पास पहुँच गया हूं। मीर रुस्तम की उम्र - - - - -- - - -- - - - - - - - - - - - - - - - - -- - - -

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