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भारत में अंगरेज़ी राज

१२२२ भारत में अंगरेजी राज । औरतें जिले के फाटक पर बैठा दी गई, नौर भीतर से जो भी बाहर जाती थी ये दोनों औरतें उसकी तलाशी लेती थीं । सारांश यह कि अमीरों की ! एक एक चीज़ से की गई, उनका सर्वस्व लूट लिया ! बाद मीर गया इसके सोबदार ख़र्षों को बाइर ताकर अंगरेजी कैप में कैद कर दिया गयाऔर पहले दिन मीर नसीर ट्रों के बेटों को जो तलवारें दी गई थीं वे उनसे छीन ली गई। इसके बाद सिरज़ा ख़ुसरों बेग का मकान लूटा गया और उसे ले जाकर अंगरेज़ी फैम्प में कैद कर दिया गया । मिरज़ा ख़ुसरो वेग को फिर जिले में वापस लाया गया। वहाँ पर उसे इतनी बुरी तरह पीटा गया कि वह बहुत देर तक बेहोश रहा । जब उसे होश आया तो बाँध कर फिर अंगरेज़ी कैम्प में पहुँचा दिया गया और वहाँ पर तैद कर दिया गया ।’’ इतिहास लेखक जे० वी० कैरियर दीवान मिठायम के इस कथन का पूरी तरह समर्थन करता है । एक और आइरेज़ अफ़सर जो १८५७ के विप्लव में लड़ा था, और जिसका बाप उस समय सिन्ध में जनरल सहलों की लूटका नेपियर के साथ था, लिखता है कि विजयी तख़मीना आइजों ने सिन्ध की बेगमों के कानों और उनकी नाक से इस बेद्दो के साथ वालियाँ इत्यादि उतारीं के उनके नाक और कान बुरी तरह कट गएIt A Translated from the English translation of Diwan Mitharams State ment etc, published in, Dry Ltrec, /mput young gy, ly w. y. Eastrick, an expolitical, sometime M. P, pp342-44 + istory of Algan, by J. P, Ferrier, translated by Captain Jesse, London, John Muray, 1858p. 287.

  • "The horen ladies were not only plundered of their ornaments thoy।