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सिन्ध पर अंगरेज़ों का क़ब्जा़

सिन्ध पर अंगरेज़ का कब्जा १२१३ उदंश युद्ध करना था अमीरों का राज छीनना नहीं है। ऊटरम ने

  • अमीरों से कहा कि आप सन्धि पत्र पर हस्ताक्षर कर दीजिए, मैं

इसी समय जनरल नेपियर के नाम एक पत्र लिख कर आपको दे हूंगा, आप उस पत्र को अपने आदमियों के हाथ नेपियर के पास भेज दीजिएनेपियर तुरन्त हैदराबाद की ओर थाने का इरादा छोड़ कर उत्तर की ओर लौट जायगा। अमीरों ने स्वीकार कर लिया । उन्होंने नेपियर के भेजे हुए सन्धि पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए । इस सन्धि दगापत्र पर अमीर को मुहरें भी लगा दी गई । ऊटरम ने नेपियर के नाम पत्र लिख कर मीर नसीर खाँ के हवाले किया । तुरन्त पक तेज साँड़नी सबार के हाथों यह पत्र नेपियर के पास भेजा गया । साँड़नी सबार ने लौट कर फिर यही आश्चर्यजनक सूचना दी कि ऊटरम के पत्र को पाने के बाद भी जनरल नेपियर ने पूर्ववत् सेना सहित हैदराबाद की ओर अपनी चढ़ाई जारी रखी। इस बीच बुद्ध मीर रुस्तम हैदराबाद पहुँच चुका था । उसकी ) विपत्तियों को देख कर हैदराबाद की प्रजा और सेना में क्रोध वढ़ता जा रहा था। इसी समय जनरल नेपियर में अपनी यात्रा में एक बूढ़े निर पराध बहुत्री सरदार हयात खाँ को, जो हैदराबाद की ओोर श्र । रहा था पकड़ कर कैद कर लिया । नगर के अन्दर कुछ वलूचियाँ