पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२६५

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भारतकै प्राचीन राजवंश सैनके संवत् ३७ ) में सइनिर्णामृत नमक्का अन्य मह किया। जसमें ४५६ कवियॉर्की कविताओंका संग्रह है। ६-माघघसेन (?)। | यह दमनका बड़ा पुत्र था । अयुगलने हिंा है कि लश्मणनैनके पीछे उसके पुत्र माधवनेने १८ वर्ष और उसके बाद केशवसेनने १५ वर्ष राष्प किंया । मिस्टर प्रदछिनने क्रिया है कि अल्मोड़ा (जिला कमाऊ ) पास एक योगपरका मन्दिर है। इसमें माधवसेनका एक नाग्रपत्र रखा हुआ है, परन्तु वह अब तफ छपा नहीं 1 इससे उसकी ठीक वृत्तान्त का भी मालूम नहीं होता । यदि उक्त सागपत्र गतिघमें ही माघदना हो तो उससे अबुलफज़ल लेसकी पुष्टि होती है । परन्दा | अनुमानलका लिएर घालमेन और लक्ष्मणसेन समय ठीक नहीं है। इस लिंए हम उनके खेि मायासैन और फेसवप्Mनके राज्य-समय पर भी विश्वास नहीं कर सकते ।। | केशवसेन (?) । | यह माघसैनका छोटा भाई श्रा। हरमेश्न घटक बनाई कार आम माधवडेनका नाम नहीं है । इनमें लिया है कि टासेमके घाई उसको पुत्र केदारसेन, यवनई मय, गोड-राज्य ग्रह झा, अन्यत्र ग्ला गया। एमिश्नमें केशवी किं जुन्य राजाके पास जाकर रहना लेसा है । परन्तु उक्त रिकामें उस राजा नाम नहीं दिया गया । दे-देिम्वरूपसेन । यह भी माधवन और केयसेनका भाई थी ! इसका एक तायन मिला है। उसमें मपसैन दी। उसके पुत्र दिपमेनका राजा (१) Erin P 512, १२ } प रा ग्न मFि - जे माम इन ब-यभाग अगम्यं । मार्ग हैं।