पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१७६

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मलिचेके परमार । ( ४ ) न शंभोः प्रासादामेदं पारितं' । तया चिरिहिछले चा (५) झाडौँपपिकानुबासकः अंतराले बाप च ।। (६) उत्कण्यं पतिहाकेनेति ॥ * ॥ जनसत्मा( 19 ) तो धाइणिः प्रणमते ॥ श्रोलिंगस्वामदेवसं कॅरि” (८) तेलान्चयपदूकंचाईलसुतपदुर्किल नकेन । श्रीसँघव देवपर-- (९) बनिमित्य द्वीपतेपेंचतुःपलं मैके मुकं क्रीत्व तथा वरिदै 'सि ( १ ) विशा(१०) ५६ हैं ॥ ॥ मंगलं महा ॥ ९ ॥ अर्थात्-सं० ११४३ बैशाशक्ल दशमीफे विन, जब कि उदित्य राज्य करतो था, तेल शके पेटेंट चाहिंल पुन पटेल जननें। महादेवकी यह मन्दिर बनवाया-इत्यादि । इससे वि० सं० ११४३ तक यात्मिका राज्य बना निश्चित होता है। भाटॉफी ख्यातमें उद्यादिश्य छोटे पुत्रका नाम जगदेव लिखा है और उसकी वीरताकी पढ़ीं मशंसा की गई है । उन्हीं स्यात* आधार पर फार्स सामने अपनी रासाय नामक ऐतिहासिक पुस्तफमें नगवा किस्सा बड़े विस्तार वर्णन किंया है । ३ लिंगते हैं:| 4 धारा नगर)के जि। उदयादित्यके वली और साना दो रानिय धीं। उनमें से वपेली रणधवल और लाँईंनी जगदेव नामक (१) Road प्रणाऽष फारित । (२) Fand पवित। ( १ ) Tra • 1 (४) Red • देय। (५} The bating a hot elect Tarha | | eAnt, () Fas9 - 1 (6) JRei पाहि । ८) 15ep4 पफम । (१) froad पत्रिमं । (१० } Tad तैमः । ( The ESDDS LI o elo pazbSph A r it la tout (1) Red