पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१०८

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ह्य-चंठा । उसमें इसके केवल महाराजाधिराज लिखा है। वि० सं० १२४० (१० स० ११८३) के आसपास सोलंकी जा तैल ( तेलुप ) तीसरे के पुत्र सोमेश्वरने अपने सैनपात बोम्म ( ब्रह्म ) की सहायता से कलचुरियॉसे। अपने पूर्वज का राज्य पछे छान लिया । फल्याण फिर सोया राज्य स्थापन हुआ । वहाँपरसे सिंचणके ठेके केसी कलचुरी गजाको लेस्व अब तक नहीं मिला है। कल्याणके हैहयोंका वंशवृक्ष । ३- जोगम महिपरमाई ) ३–वितळ ४-मैपर, ५-६, ६-सायम, ७-प्तिपण, ८ सय 1 - -