पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२५१

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२२८ । भारत की एकता का निर्माण यह बोझ आप सब जल्दी उठाएँ । उसकी तैयारी करें। जो काग्रेस में नहीं है, वह भी हमसे कहते हैं कि भई जल्दी यह काम करो। यह राजकाज कांग्रेस वालों को ही दे दो। इससे हमें कोई नुकसान नहीं है और न कोई बखेड़ा होने वाला है । ऐसा हो जाए, तो हमारी फौज़ अपनी बैरकों में बैठकर मौज करें। वह इधर क्यों आए? आपके सामने मिलिटरी को क्यों लाना पड़े? यह तो जब जमाना था, तब उसे लाना पड़ा। अब वह चला गया और अब फौज़ की क्या ज़रूरत है ? उसको हम क्यों तकलीफ दें? जब हिन्दुस्तान पर मुसीबत हो, तब उनका काम है। और जो हैदराबाद की पुरानी पुलिस है, उसको में बड़े अदब से कहना चाहता हूँ कि खुदा का नाम याद करके जो तुम खाते हो, उसको हराम न करो। यदि आप से यह काम नहीं होता, तो मेहरबानी करके छोड़ दो। क्योंकि अब जमाना बदल गया है । अब हमें इन्साफ़ से और वफादारी से काम करना है। जितना पैसा हम लेते हैं, उसको हराम नहीं करना है। हमें पूरा काम करना है। न हो सके तो हट जाएँ। हैदराबाद की रियासत में जो अमलदार लोग पड़े है, उनसे भी मैं कहूँगा कि आप लोगों को पिछला सभी कुछ भुलकर ठीक तरह से काम करना है । क्योंकि यदि आपके दिल में कभी कोई ख्वाहिश हो कि हैदरा- बाद में कोई पलटा हो जाए तो कोई दूसरी चीज़ आएगी, यह होने वाला नहीं है। हिन्दुस्तान का इतिहास बदल गया, उसका भूगोल बदल गया और अब हम इस तरह से काम करना चाहते हैं कि हिन्दुस्तान के रहने वाले सब लोगों का कल्याण हो और सब का भला हो। सबको अच्छी तरह से खाना-पीना मिले, कोई दुखी न रहे । उस काम में आप लोगों को साथ देना है। पहले हम गलत रास्ते पर चलते थे, अब हमें सही रास्ते पर जाना है । तो सही रास्ते पर चलने में आप लोगों को मदद करनी है। नहीं करनी, तो मेहरबानी करके छोड़ दीजिए। मैं आप सबसे यह कहना चाहता हूँ कि जो ढाँचा, जो तन्त्र हमारे पास है, वह इस प्रकार का तन्त्र है कि यदि वह आपके हाथ में देंगे, तो आप उसे चला न सकेंगे। जो कुछ भी बनेगा, वह आखिर हमारे पास तो रहने वाला नहीं है । जब चुनाव होगा, तो जिसे आप वोट देंगे, सत्ता उसी के पास जाएगी। तब इसके भीतर बैठकर आप इस चीज़ को किस तरह से चलाएँगे, वह आपका ही काम होगा। तो आपको ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें आपका