पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२५०

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

फतह मैदान, हैदराबाद २२७ चलानीं । यह दूसरे का काम नहीं है । जिसे कलम से काम लेना है, उसको बन्दुक दे देने से वह अपनी खुदकुशी करेगा, या दूसरे को मार आएगा। तो मैं आपसे अदब से कहना चाहता हूँ कि हमारे मुल्क में, हमारे राज्य में, जब कोई नौजवान गलत रास्ते पर चलते हैं, तो उनको समझाने की कोशिश करना आपका काम है । यह खाली कांग्रेस: का ही काम नहीं। यह सबका काम है। यदि कोई गलत रास्ते पर चलना चाहे, हिंसा से काम लेना चाहे, तो उसको वैसा नहीं करने देना चाहिए । उसको पुलिस के सुपुर्द कर देना चाहिए। कई लोग मुझसे कहते हैं कि पुलिस में या और जगह पर बिना झूठ के काम नहीं चलता । मैं मानता हूँ कि नहीं चलता होगा। क्योंकि जहाँ बुराइयों के लिए काफी अबकाश है, वहाँ वे होती ही होंगी। अभी तक तो समय भी बहुत कम हुआ है । अभी तक लोगों में विश्वास पैदा करने का काम नहीं हो पाया है। वह काम खाली अमलदारों से या आफीसरों से नहीं होगा । लोक नियुक्त संस्था कांग्रेस के ऊपर यह बोझ है । उसको यह काम करना है। कांग्रेस का दरवाजा हम खोल दें। उसमें ऐसे सब लोगों को स्थान देना है, जो कांग्रेस का प्रोग्राम कबूल कर लें। अगर उसमें लोग इस ख्याल से आएंगे कि भीतर धुस के कुछ गड़बड़ करेंगे,तो वह कुछ नहीं कर सकेंगे। आप लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस यदि हैदराबाद की रियासत के लोगों का प्रति- निधित्व करने के लिए तैयार हो, और थोड़ा-सा दरवाजा खोलकर कुछ गिने चुने लोगों को आने दे, तो उससे काम नहीं चलेगा। अपना दरवाजा खुला रखो, हिम्मत से काम लो और साफ काम करो तो सारी रियासत आपके पीछे चलेगी, कोई भी उसमें रुकावट नहीं डाल सकेगा। जो चन्द बातें मैंने आपके सामने रखी हैं, उन सबके बारे में आपको सोचना है । मैंने कोई कड़वी बात कही हो, तो आपको यह समझना है कि वह दवा है । दवा कड्डवी तो होती है, पर बहुत फायदा करने वाली होती है। मैंने आपको जो दवा दी है, वह घोलकर अगर आप लोग पी जाएँगे, तो उससे आपको बहुत फायदा होगा और आपकी तबियत ठीक हो जाएगी। आपकी तबि- यत जल्दी ठीक हो, तो मुझे बहुत बड़ी खुशी होगी, क्योंकि हम लोग अपने सिर का बोझ आपके सिर पर डालना चाहते हैं। आप उसे उठा लीजिए। आपका बोझ हमारे ऊपर ज्यादा दिन नहीं रहना चाहिए। क्योंकि हमको दुख होता है कि कहाँ तक हम आपका बोझ उठाएँ ? तो हम आपसे ज्यादा परेशान हैं।