पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१३३

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११८ भारत की एकता का निर्माण आज हमारे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि इस जगह पर हमने अपना आखिरी यूनियन भी बना लिया है । इस जगह पर, आज जो राजा लोग बैठे हैं, उन सब को मैं मुबारकबाद देना चाहता हूँ। और बड़ी खुशी से मैं इन राजाओं की तारीफ करता हूँ। में आप सब को बधाई देता हूँ कि भारत का नया इति- हास बनने में आप लोगों ने बहुत उदारता दिखाई और बहुत दूरन्देशी दिखाई है । इसके लिए आपको मैं धन्यवाद देता हूँ, और भविष्य के लिए मैं आपसे मांगता हूँ कि भले-बुरे जैसे भी हमारे लोग हैं, उन्हीं को हमें साथ लेना है । वे गलतियाँ भी करें, तो उससे आपको बिगड़ना नहीं चाहिए । जैसे अपने बच्चे के साथ हम उदारता का बरताव रखते हैं, उसी तरह इनसे भी करना चाहिए। मैं और सब लोगों से भी कहना चाहता हूँ कि राजाओं ने अगर बिगाड़ किया होता, तो उससे हमको बहुत नुकसान हुआ होता । लेकिन उन्होंने कोई बिगाड़ नहीं किया, और हमारे साथ रहे । हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाने में और अपनी सत्ता अपनी इच्छा से आप लोगों को सुपुर्द करने में उन्होंने जो बहादुरी और समझदारी दिखाई है, उसके लिए आपको अब सोचना है । अब म सोचें कि हमारा क्या कर्तव्य है ? में हिन्दुस्तान की रियासती प्रजा से कहना चाहता हूँ कि एक हाथ ( एक व्यक्ति ) से राज्य चलाना एक तरह से आसान है, लेकिन पंचायत से हुकूमत चलाना और वह भी उस पंचायत से जिन्होंने पहले कभी राज नहीं चलाया, बड़ा मुश्किल काम है । आप देख लीजिए कि जब मिनिस्टरी बनाने का वरूत आता है, तब क्या होता है ? तब कितनी मुश्किल होती है । मिनि- स्टरी को जब सत्ता मिल जाती है, तब उसको चलाने के लिए कितनी मुसीबत आती है। सब राजाओं से मेरी यह बिनती है कि आप धीरज से अपनी जनता का साथ दें। इसीलिए हिन्दुस्तान की सरकार हर जगह पर जहाँ-जहाँ रियासतों में मिनिस्ट्री बनती है, कुछ सलाहकार (एडवाइजर) रखती है, जो अनुभवी लोग होते हैं। हम कहते हैं कि भाई इन लोगों की सलाह से आप चलो। यदि कोई मुसीबत आए, तो हमारे पास आ जाओ । उसमें भी कई मिनिस्टर लोग यह मानने लगते हैं कि हम पर यह कण्ट्रोल (नियन्त्रण) क्यों चाहिए । हिन्दुस्तान की सरकार का एडवाइज़र हम पर क्यों रखना चाहिए? ठीक है। हम आप पर कोई एडवाइजर लादना नहीं चाहते, क्योंकि हमारे पास तो खुद ही बहुत कम अनुभवी अमलदार हैं। काम करनेवाले होशियार लोग बहुत कम है। तो