पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/११९

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भारत की एकता का निर्माण कार प्राप्त करने हैं, तो उन्हें चाहिए कि वे पश्चात्ताप करें और जो बुराई उन्होंने की हैं, उसे ठीक करने में सहायता दें । यदि वे फिर से मनुष्य बनना चाहते हैं, तो उनके लिए बुरी राह छोड़ने का यही अवसर है। उन्हें चाहिए कि वे अपनी आत्मा की पुकार सुनें, अपने धर्म के आदेश, अपने समाज के नियम और जीवन के सिद्धान्त के अनुसार चलें। उन्हें चाहिए कि वे सोचें कि यदि उनको अपनी स्त्रियों पर यह मुसीबत आती, तो वे खुद क्या करते ? मुझे विश्वास है कि अगर ये लोग शान्ति से इन बातों पर सोच-विचार करेंगे, तो अवश्य ही उन्हें अपनी भूल का अनुभव होगा और वे उन लोगों का पूरा साथ देंगे, जो इन स्त्रियों की रक्षा और सहायता का प्रबन्ध कर रहे हैं। मैं उन अभागे और शोकग्रस्त परिवारों से भी दो-चार शब्द कहना चाहता हूँ, जिन्होंने अपनी मां, बहनों या बेटियों को खोया है । मैं उनकी पीड़ा और घोर यातना को समझ सकता हूँ। मैं जानता हूँ कि वे अपने प्रियजनों को फिर से पाने के लिए कैसे-कैसे खतरों का सामना कर रहे हैं और करने को तैयार हैं। मुझे अभी तक ऐसा कोई आदमी नहीं मिला, जो इन दुखित व पीड़ित स्त्रियों का फिर से अपने घर में स्वागत करने के लिए राजी बल्कि उत्सुक न हो। मैं उनसे यही कहूँगा कि आप हिम्मत न हारें, और अपनी कोशिश बराबर जारी रखें । जहाँ सैकड़ों और हजारों व्यक्तियों का प्रश्न हो, वहाँ यह सम्भव नहीं कि सब काम केवल सरकारी साधनों से ही हों । व्यक्तिगत अथवा सामूहिक गैर- सरकारी कोशिश, निरी सरकारी कार्यवाही की अपेक्षा अधिक सफल होती है । में आशा करता हूँ कि कार्यकर्ता लोग निराशाओं और विघ्न-बाधाओं से हिम्मत नहीं हारेंगे, और उत्साह, तत्परता तथा दृढ़ निश्चय के साथ इस सत्कार्य में लगे रहेंगे। अपनी इन शोकग्रस्त बह्नों को मैं सहानुभूति और समवेदना का संदेश भेजता हूँ। उनकी दुर्दशाओं और यातनाओं ने हमारे हृदय पर गहरी चोट पहुँचाई है । हमें उनका बराबर ध्यान रहता है। उन्हें इस बात में तनिक भी संदेह न होना चाहिए कि उनके परिवारवाले उन्हें सहर्ष वापस लेने के लिए हृदय से तैयार है और हम उनकी रक्षा और उद्धार के कार्य में किसी प्रकार की कमी न आने देंगे। मैं जानता हूँ कि उन्हें अपने वर्तमान जीवन का एक एक पल विष का चूंट होगा। किन्तु धीरज और विश्वास से बड़ी-से-बड़ी कठि- नाइयां भी हल हो जाती हैं और कड़े-से-कड़ा दिल भी पिघल सकता है।