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भारत का संविधान


सप्तम अनुसूची

३७. विदेशी ऋृण।

३८. भारत का रक्षित बैंक।

३९. डाकघर बचत बैंक।

४०. भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार द्वारा संघटित लाटरी।

४१. विदेशों के साथ व्यापार और वाणिज्य; शुल्क सीमान्नों को पार करने वाले आयात और निर्यात; शुल्क सीमान्तों की परिभाषा।

४२. अन्तर्राज्यिक व्यापार और वाणिज्य।

[१]४३. व्यापारिक निगमों का, जिन के अन्तर्गत महाजनी, बीमाई और वित्तीय निगम भी है किन्तु सहकारी संस्थाएं नहीं हैं, निगमन, विनियमन और समापन।

[२]४४. विश्वविद्यालयों को छोड़ कर ऐसे निगमों का, चाहे वे व्यापारिक हों या नही, जिन के उद्देश्य एक राज्य तक सीमित नहीं हैं, निगमैन, विनियमन और समापन।

४५. महाजनी।

४६. विनिमय-पत्र, चेक, वचन-पत्र तथा ऐमो अन्य लिखते।

४७. बीमा।

४८. श्रेष्ठी-चत्वर और वादा बाजार।

४९. एकस्व; आविष्कार और रूपांकन ; प्रतिलिप्यधिकार; व्यापार-चिन्ह और पण्य चिन्ह।

[२]५०. बाटों और मापों का मान स्थापन।

५१. भारत से बाहर निर्यात की जाने वाली अथवा एक राज्य से दूसरे राज्य को भेजी जाने वाली वस्तुओं के गुणों का मान स्थापन।

[२]५२. वे उद्योग जिनके लिये संसद् ने विधि द्वारा घोषणा की है कि लोकहित के लिये उनपर संघ का नियन्त्रण इष्टकर है।

५३. तैल-क्षेत्रों और खनिज तेल सम्पत् का विनियमन और विकास; पैट्रोलियम और पैट्रोलियम उत्पाद; संसद् से विधि द्वारा भयानक रूप से ज्वालाग्रही घोषित अन्य तरल और द्रव्य।

५४. उस सीमा तक खानों का विनियमन और खनिजों का विकास जिस तक संघ के नियंत्रण में वैसे विनियमन और विकास को संसद् विधि द्वारा लोक-हित के लिये इष्टकर घोषित करे।

[२]५५. श्रम का विनियमन तथा खानों और तैल-क्षेत्रों में सुरक्षितता।

५६. उस सीमा तक अन्तर्राज्यिक नदियों और नदी-दूनों का विनियमन और विकास जिस तक संघ के नियन्त्रण में वैसे विनियमन और विकास को संसद् विधि द्वारा लोक-हित के लिये इष्टकर घोषित करे।


  1. जम्म और कश्मीर राज्य को लागू होने में प्रविष्टि ४३ के स्थान को निम्नलिखित प्रविष्टि रख दी जायेगी, अर्थात्—

    ४३."महाजनी, बीमाई और वित्तीय निगमों का निगमन विनियमन और समापन किन्तु इनके अन्तर्गत सहकारी संस्थाएं नहीं हैं।"

  2. २.० २.१ २.२ २.३ जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू न होंगी।,
26—1 Law/57