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भारत का संविधान

 

द्वितीय अनुसूची

(२) उस समय को न गिन कर जिस में कि वह न्यायाधीश छुट्टी ले कर अनुपस्थित है, विश्रामावकाश; तथा
(३) उच्चन्यायालय से उच्चतमन्यायालय को अथवा एक उच्चन्यायालय से दूसरे को बदले जाने पर योगकाल।

भाग ङ

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के सम्बंध में उपबंध

१२. (१) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को चार सहस्र रूपये प्रतिमास की दर से वेतन दिया जायेगा।

(२) जो व्यक्ति इस संविधान के प्रारम्भ से ठीक पहिले भारत के महालेखापरीक्षक के रूप में पद धारण किये था तथा ऐसे प्रारम्भ पर अनुच्छेद ३७७ के अधीन भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक बन गया है उसको इस कंडिका की उपकंडिका (१) में उल्लिखित वेतन के अतिरिक्त विशेष वेतन के रूप में ऐसी राशि पाने का हक्क होगा जो कि इस प्रकार उल्लिखित वेतन तथा ऐसे प्रारम्भ से ठीक पहिले भारत के महालेखापरीक्षक के रूप में उसे मिलने वाले वेतन के अन्तर के बराबर है।

(३) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के अनुपस्थिति-छट्टी और निवृत्ति-वेतन तथा अन्य सेवा शर्तों के बारे में अधिकार उन उपबन्धों से यथास्थिति शासित होंगे या शासित होते रहेंगे जो इस संविधान के प्रारम्भ से ठीक पहिले भारत के महालेखापरीक्षक को लागू थे तथा उन उपबन्धों में गवर्नर जनरल के प्रति सब निदेशों का ऐसा अर्थ किया जायेगा मानो कि वे राष्ट्रपति के प्रति निर्देश है।