पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/७६६

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१०९ शंकरवर्मा ४०१४।५११०८६।८ ८८३।२ ९०४|१ २ गुर्जर और भोज से लड़ा । बड़ा उदत था । नामांतर श्रीवमा या शिववर्मा । मु. राज्यकाल १७ बरस ७ महीना १९ दिन । ११० गोपालवर्मा 8०१६।५।१०/ ९०४।८ ९०१।१०/ ९२२१९ 0101२० १११ संकटवर्मा ४०१६।६।० ९०६८ ९०३।१० ९२४।९ २ ९०६।९ १० ११२ सुगंधारानी ११३ पार्थ ४०१८।६ ४०२८६ ९०३।१० ९०५॥१०॥ ९२४०९ ९२६.९ ९०८।८ भारतेन्दु समग्न ७२२ जवानी में मारा गया। इस का मंत्री प्रभाकरदेव बड़ा लोभी था । इसने अपने जामाता लकुज को शाहराज की पदवी देकर बड़े पद पर पहुंचाया किन्तु यही पीछे से राजा मंत्री दोनों की मृत्यु का कारण हुआ। वर्मवंश का अंतिम राजा । मुसल्मानों के मत के अनुसार यह गोपालवर्मा का वास्तविक भाई नहीं था, मुंहबोला भाई था । पार्थ को राज्य पर बैठाया । शंकरवर्मा की स्त्री थी। तातारी और एकांग जाति ने उपद्रव किया । निर्जितवर्मा का पुत्र था। पंगु था। जातियुद्ध हुआ, राजचक्र में बड़ा गड़बड़ हुआ । मुसल्मानों का शिववर्मा । फिर से गद्दी पर बैठा । फिर से बैठा। राजतरंगिणी में इस का नाम नहीं है । मुसल्मानों ने इस का नाम शंकर दास लिखा है और लिखा है कि यह बड़ा ही कर १४ १ ५ ११४ निर्जितवर्मा ४०३६६ ११५ चक्रवर्मा ४०५०।६ ११६ सूरवर्मा या शूरवर्मा ४०५१।६ ११७ पार्थवर्मा ४०५६।६ ११८ चक्रवर्मा ४०५६६ ११९ शंकरवर्धन ४०५६।६ ९२४।९ ९२५९ ९३६।९ ९३७।९ ९३८।९ २३९।३ ९२०:१० ९४११९ ९२१११० ९४२१९ ९३१।१०/ ९५२।२ ९३२११०] ९५३१९ ९३३।४ १५४।३ ९३३।१०/ ९५४।८ O O था। ९५६।३ २ ९५७७ तीसरी बेर गद्दी पर बैठा । अवंतिवर्मा नामांतर। १ ९३९।७ ९३५।११ ९४१।११ ९४२ १२० चक्रवर्मा ४०५६६ १२१ उन्मत्तवर्मा ४०५८।६ १२२ शूरवर्मा । (२)- १२३ यशस्करदेव । (तथा) ४०६८।६ (वर्णद) ९३५४ ९३६।८ ९३८।१० ९३९

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९५९।८ ९६० 01६10 इसके पीछे वर्णट ने ६ दिन राज्य किया । प्रभाकरदेव का पुत्र था । बड़ा ही उत्तम राजा हुआ है अंत में फकीर हो गया