पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/७२३

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२९ मनुष्यों को 'राच बहादुर" की पदवी मिली जिनमें डाक्टर राजेन्द्र लाल मित्र और बाबू कृष्णोदास पाल के नाम भी गिनने चाहिये । ८ आदमियों को "राव साहिब" की पदवी मिली, ४ को "राव" की और ५ को "राय" की । इन में से अजमेर के पाँच आदमी "रावसाहिब" और तीन राय" हुए । निस्संदेह अजमेर के चीफ कमिश्नर सिफारिश करने में बड़े उदार जान पड़ते हैं क्योंकि और भी बहुत सी पदवियाँ उधरवालों के हिस्से में आई है हमारे पश्चिमोत्तर देश से तो सिवाय दो एक के कोई पूछा ही नहीं गया है यद्यपि योग्य पुरुषों की यहां कमी नहीं है। राय मुंशी अमीचंद के जुडिसियल असिस्टेन्ट कमिश्नर को "सरदार बहादुर" की पदवी मिली, रतनसिंह मध्य भरतखंड के पुलीस सुपरिटेंडेंट को "सरदार" की ; देवर परगना के ठाकुर हीरासिंह को "ठाकुर रावत" की ; और लछमीनरायन सिंह केरावाले को "ठाकुर" की पदवी दी गई । ४ आदमी "नवाब" हुए । ४० को "खाँ बहादुर" का खिताब मिला, जिन में से एक मौलवी अबदुल्लतीफ खाँ कलकत्ते की डिप्टी कलेक्टर भी हैं; और दो को "खाँ' का खिताब मिला । इन सरदारो को उनके नाम के सामने लिखे हुए खिताब खानदानी मिले- महाराज सर जयमंगलसिंह बहादुर के.सी.एस.आई. गिदौर, मुंगेर "महाराज बहादुर" । धर्मजीत सिंह देव, सरदार उदेपुर, छोटानागपुर महाल -"राजा उदयपुर" । नवाब ख्वाजा अबदुल्गनी, ढाका - "नवाब" दीवान गयासुद्दीनअली खाँ सज्जादानशीन, अजमेर, को उनकी जिंदगी भर के लिये "शेखुल्मशायन" का खिताब मिला और सरदार अतरसिंह बहादुर, भदौर, को 'मलाजुल उलमा उलफ़ीजला का । इस के सिवाय एक को "दीवान बहादुर" की, एक को "दीवान" की और १३ को 'ऑनरेरी असिस्टेंट सेक्रेटरी का और ऑनरेरी असिस्टेंट प्राइवेट सेक्रेटरी का पद भी अलग-अलग दिया गया । सेना के कितने अधिकारों के साथ मी "सरदार बहादुर" और "बहादुर" की पदवियाँ लगा दी गई ; और सब छोटे छोटे अधिकारियों, जहाज़ी नौकरों, सेना के सिपाहियो और गोरों को एक एक दिन की तनख्वाह इनाम मिली और दूसरी रिआयतें भी इन के साथ की गई । इस के सिवाय नेटिव कमीशंड आफिसर लोगों की तनख्वाह भी कुछ बढ़ा दी गई है। रहीमखाँ खाँ बहादुर, असिस्टेंट सर्जन लाहौर को "ऑनरेरी सर्जन" की पदवी मिली। श्रीयुत रणवीर सिंह जी.सी.एस.आई. महाराज जम्बू और कश्मीर, और श्रीयुत जयाजीराव सेंधिया जी.सी.एस.आई. महाराज ग्वालियर को सेना के जेनरल (जरनैल) का पद प्रतिष्ठा की रीति पर श्रीमतीराजराजेश्वरी की ओर से दिया गया । राजालोगों के सलामी की शोधी हुई नई फिहरिस्त । राज की सलामी २१ गायकवाड़ बड़ोदा, निजाम हैदराबाद और महाराज मैसूर । १९ महाराना मेवाड़, खान किलात. बेगम भूपाल. महाराज जम्बू, इंदौर, ग्वालियर, ट्रैवंकोर और कोल्हापुर । १७ बहावलपुर के नवाब, बूंदी के महाराव राजा, कोटा के महराव, कोचीन के राजा, कक्ष के राव और भरतपुर, बीकानेर, जैपुर, करौली, जोधपुर, पटियाला और रीवा के महाराजा । दिल्ली दरबार दर्पण ६७२