से "धर्मअशोक" कहलाया, बहुत तेज था, उज्जैन का नाजिमथा । वहाँ के एक सेठ * की लड़की देवी उससे ब्याही थी, उसी से महेंद्र लड़का और संघमिता ( जिसे सुमित्रा भी कहते हैं) लड़की हुई थी।