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भारतेंदु-नाटकावली
शनाब जो मुँह में आया बक उठे, न पढ़ना न लिखना! हाय! भगवान् इनका कब उद्धार करेगा!!
भूरी०---गुरु, का गुड़बुड़-गुड़बुड़ जपथौ?
सुधा०---कुछ नाहीं भाई यही भगवान का नाम।
भूरी०---हाँ भाई, संझा भई एह बेरा टें टें न किया चाहिए, राम-राम की बखत भई, तो चलो न गुरू।
सब---चलो भाई।
( जवनिका गिरती है )
इति गैबी-ऐबी नामक दृश्य