पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/२५४

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Plate XXI लिपिपत्र २४वां. जाईकदेव के दानपत्र, विजयपाल के लेख और हस्तलिखित पुस्तक मे. (ईम. की दमवी शताब्दी.) मोरबी मे मिल्ने हुए राजा जारकदेव के दानपत्र में ( गुप्त मं. ५८५ ई.प.ts) ख घ डी अ९० दररपरऊ ८ लल द ध ध न प भ म म घ लतप व २ प ६२ म र यसलर श प स ह न् ! प गो दर व ६ ५५ यु ८ का ५ प्रतिहार राजा विजयपाल के ममय के अन्मवर के नग्व में ( वि मं. १०१६ = ई. स. ८.). श्रा ग च ठ ड थ भ का अ अ 5 6 ग प ० ६ ६ ६ का ३. नेपाल में मिले हुए हस्तनिग्वित पुस्तक भे ( ई. म. की दमवी शताब्दी के भावपाप). श्री मु ७ ७ ७ ७ ७ ७ रा प र यस दू ग बव ग . प्र ट ठ त ध फ ब भ म य न . ९८० 3 गबर ३ म य ल प म ध म ५ ६६५ साल मुरी ६५ वरः र लगा र सनक वय। सूर परवा या वसुंरा ग सम- पाटात egr 24 - ar यया 43