पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/९६

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भारतवर्ष का इतिहास साथ लड़ाई भिड़ाई को तैयारी कर दी और अंगरेजी रेजिडेण्ट जनरल औद्रम पर धावा मार दिया। जनरल औद्रम जान बचा कर भागा। सर चार्लस नेपियर ने तोन हजार की भीड़ के साथ सिन्ध पर चढ़ाई को । सिन्ध के अमीरों के साथ तीस हज़ार बिलोची सेना थी। १८४३ ई० में मियानी और हैदराबाद पर दो बड़ो लड़ाइयां हुई। दोनों में अंगरेजों की जोत रहो और गवर्नर जनरल ने सिन्ध को अंगरेज़ो राज में मिला लिया। सिन्ध के अमोर न था। ४-ग्वालियर का राजा जकाजो सिन्धिया जिसको लार्ड बेण्टिङ्क ने गद्दी पर बैठाया था मर गया। उसके कोई लड़का वह आप भो निरुत्साही और निकम्मा था। उसके अहलकार उसका हुक्म न मानते थे। सरदारों ने जो सेना रख छोड़ी थी उसका खच्चे इतना बढ़ गया कि रियासत की दो तिहाई आमदनी उसी में लग जाती थी। सिन्धिया की विधवा की आयु कुल बारह बरस की थी। उसको आज्ञा दी गई कि किसो को गोद ले ले। उसके थोड़े दिनों पीछे रानी ने उस पुराने