पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/९४

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पर भारतवर्ष का इतिहास ५-शाह शुजा को सिंहासन पर बैठे दो वरस हुये थे कि १८४२ ई० में अफ़ग़ान उससे बिगड़ गये। अकबर खां बिद्रोहियों का मुखिया था। विलियम मैकनारन चाहता था कि मेल हो जाय और इसी अभिप्राय से निहत्था मित्रभाव से अकबर खां से बातें कर रहा था कि एकाएक अकबर खां ने उसे गोली से मार डाला और अफगानों ने उसको बोटी बोटी काट डाली। ६- अंगरेजों ने काबुल चढ़ाई की। अंगरेजी सेनापति अफ़- गानों की भीड़ देख कर सोचने लगा कि मैं इन से कैसे लडूंगा खाने पीने की सामग्री भी निपट चुकी थी। इससे वह हिन्दुस्थान लौट जाने पर राजी हो गया। यह बड़ी भूल हुई। उसको चाहिये था कि काबुल के किले में बैठा लड़ता जाता जिस तरह सहायता पहुंचने तक अरकार के किले में क्लाइव लड़ता रहा। अफ़ग़ानों ने यह करार किया कि हम लौटती हुई अंगरेज़ी सेना पर चढ़ाई न करेंगे। पर उन्हों ने अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ दिया। जिस समय गोरे और हिन्दुस्तानी सिपाही दर्रा खुदकाबुल में घुसे ता हज़ारों अफ़ग़ानों ने इधर उधर की पहाड़ियों पर से गोली चलाई। एक डाकृर ब्राइडन तो बचा, और सक अफ़ग़ानों के हाथ से मारे गये। अकबर खां ।