पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/८५

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लार्ड विलियम बेण्टिङ्क ५–बेण्टिङ्क ने अगरेज़ो अफसरों को आज्ञा दो कि जाओ ठगों और डाकुओं को जड़ खोद डालो। सात आठ वर्ष में पन्द्रह सौ ठग पकड़े गये। कुछ दिन पीछे एक भो ठग और डाकू न बचा। रास्तों और सड़कों पर ऐसा सुख चैन हो गया जो सैकड़ों बरस से किसी को न मिला था। इस रोति ६-कहीं कहीं हिन्दुओं में बहुत दिनों से सतो की रीति चली आती थी। इसमें बड़ी निठुराई होती थी। पति मरता था तो उसकी स्त्री को भी उसके साथ चिता पर रख कर फूंक देते थे। से हज़ारों अनाथ विधवायें जला कर राख कर दी गई। कौन भानेगा जो यह कहा जाय कि इस बुरी रीति के कारण बेटे अपनी माताओं को जीते जी भस्म कर देते थे। १८१७ ई० में बङ्गाल देश में सात सौ बिधवायें जीती जला दी गई। शाहनशाह अकबर ने इस बुरी रीति के रोकने का उद्योग किया था पर वह सफल न