पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/२६

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भारतवर्ष का इतिहास २–मोरजाफर बहुत डरा । यह चाहता था कि कुछ दे दिलाकर बिदा कर दे। पर क्लाइव ने लिखा कि तुम घबराना नहीं, मैं तुम्हारो सहायता को आता हूं। अवध के नवाब ने सुना कि अंग्रेजों का प्रसिद्ध महावीर कर्नेल चढ़ा आ रहा है तो वह अपनी सारा सेना लेकर जितना जल्दी हो सका अवध को लौट गया और शाहज़ादे का मीरजाफर अकेला छोड़ गया। शाहज़ादे ने अपने को क्लाइव की दया और भल- मंसाहत पर छोड़ दिया। क्लाइव ने शाहज़ादे के साथ बड़ी मुरौवत की। उस ५०० सोने की मुहरें नज़र दो और कहा कि आप जहां से आये वहों चले जाइये । शाहज़ादा लौट गया। ३---मीरजाफ़र बुद्धिमान और अच्छा शासक होता तो सुख शांति के साथ राज करता रहता। उसकी चालढाल से तुरन्त ही प्रगट हो गया कि उसमें राज करने की योग्यता नहीं है। वह अफोमची था, खेलकूद में समय खोता और शुजाउद्दौला धन नष्ट करता था। ४-सिपाहियों को तनखाह देने के लिये धन की आवश्यकता हुई। मोरजाफर ने चाहा कि बंगाल के साहूकारों को लूट