पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१९६

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

भारतवर्ष का इतिहास भाषा, ध्याकरण, अङ्कगणित, बोजगणित, भारतीय इतिहास, भूगोल, विज्ञान, खेती का तत्व भी पढ़ाया जाता है। हाई स्कूलों में भी यही विषय पढ़ाये जाते हैं पर मिडिल से कुछ अधिक । ५--कालेजों में केवल वही विद्यार्थी पढ़ सकते हैं जिन्हों ने युनिवर्सिटो को मेट्रोकुलेशन परीक्षा पास की हो । विद्यार्थी भाषागणित, इतिहास या ऐसा ही किसी और विषय में डिगरी पाने के लिये पढ़ते हैं जो कालेज में पढ़ाया जाता हो। इन कालेजों में बड़े बड़े विद्वान् प्रोफ़ेसर वह सब विद्या सिखाते हैं जिनकी यूरोप में चरचा है। ६--इन के सिवाय कई एक विशेष मदरसे भी हैं। कुछ इण्डस्ट्रियल ( दस्तकारी) के हैं जहां बढ़ई, लोहार, मोची, दरजी, जुलाहे, ठठेरे का काम, दरो विनना, मालो का काम और और पेशे सिखाये जाते हैं। आर्ट स्कूलों में नकशा बनाना, नकाशी (मूत्ति बनाना ), तसवीर बनाना और सङ्ग तराशो सिखाते हैं। इञ्जिनियरिंग कालेजों में इञ्जिनियरी सिखाते है और विद्यार्थियों को महकमा तामीरात के लिये तैयार करते हैं। कास्तकारो और पशुचिकित्सा सम्बन्धी स्कूल भी हैं जिन में खेती और पशुओं के पालने की बातें बताई जाती हैं। मेडिकल स्कूल और कालेज भी हैं जिन में वैद्यक और जर्राही पढ़ाई जाती हैं। कानूनी स्कूल और कालेजों में कानून की सब शाखाओं की पढ़ाई होती है और ट्रेनिंग कालेजों और नारमल स्कूलों में मास्टर व मुर्रिसों को पढ़ाना सिखाया जाता है।