पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१६

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६ भारतवर्ष का इतिहास परन्तु ज्यों ही वह नगर में एक फाटक से घुसा चंदा साहेब की सेना दूसरे फाटक से भाग गई । ११-चंदा साहेव ने जब सुना कि राजधानी हाथ से जाती रही तो उसने जैसा कि क्लाइव ने सोचा था दस हज़ार हिन्दुस्थानी कीटक कावेरी अर्काट प्रेमदास मांडिचरी किला भेंट डेविड़ वजूर हिन्द महासागर और कुछ फरासोसो सेना अपने पुत्र रज़ा साहेब के साथ अरकाट भेज दी। पचास दिन तक उस सेना ने क्लाइव .और उसके सिपाहियों को घेर रक्खा और गढ़ के लेने का बड़ा उद्योग किया परन्तु उसको कोई चेष्टा सुफल न हुई।