पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/५०८

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प्राचीन भारतीय इतिहास विषयक पुस्तकोंकी सूची ४६५५ गोडराजमाला (बंगलामें)-बरेन्द्र रीसर्च सोसायटी द्वारा प्रकाशित । पाल और सेन राजवंशोंका प्रामाणिक इतिहास। रापलदास बंद्योपाध्याय- बङ्गालका इतिहास (बंगलामें) प्रथम भाग। The Palas of Bengal. Jemoirs or the Asiatic Society of Bengal Į Kennedy - Mediaeval History of N Indu. ( being Chap S of the Imp Gaz, sol II.) C. G. Luard and K. K. Lele, — The Paramars of Dhar and Jalala. CV. Vaidyd-Mediaeval pindu India हर्षवर्धन के बाद भारतीय इतिहासार ममीतक कोई पूर्ण पुस्तक नहीं है । वैध महाशयकी इस पुस्तफने इस फमीको पूरा नहीं किया। विसेंट स्मियने इसपर केवल एक अध्याय लिखा है। उपर्युक्त पुस्तकोंके सिवा इस कालके इतिहासके मित भिन्न अशोको पढने के लिये Stein (स्टाइन) को राजतरङ्गिणी, ETER Annals and Antiquities of Rajasthan, fiecast रसमाला, तथा भिन्न भिन्न प्रदेशोंके गजेटीयर देखने चाहिये । श्री० प० गौरीशङ्कर हीराचन्द ओझा राजपूतोंका एक सक्षित इतिहास लिख रहे हैं, जिसमें उत्तरी भारतके यहुतसे राजवंशोंये. इतिहासपर नया प्रकाश पडनेकी माशा है। इस कालके इतिहासके स्रोत बहुत विस्तृत हैं। उनका अच्छा निरीक्षण श्रीयुत गौरीशहर हीराचन्द मोगा कृत "भार- तीय इतिहासफी सामग्री” नामको लघु पुस्तिकामें किया जा सकता है। प्राचीन भारतीय साहित्य में भी इतिहास-सम्बन्धी भनेक पुस्तकें हैं। कौटिल्यका अर्थशास्त्र मौर्यकालको राज- ३०