४३० भारतवर्षका इतिहास अब इसके पश्चात् जो परिच्छेद आते हैं उनमें दूसरे माधारोंका भी प्रमाण है। जैनोंका इतिहास । छठे परिच्छेदमें जैनोंका संक्षिप्त इति- हास दिया गया है। उसके आरम्भमें ही लिखा गया है कि बौद्ध साहित्यके अनुसार महात्मा बुद्ध और महात्मा महावीरके जन्मके समय भारतमें ६३ प्रकारके भिन्न भिन्न दार्शनिक सम्प्रदाय थे। सातवें परिच्छेदमें बौद्धोंका यह परिच्छेद अध्यापक हाइस आरम्भिक इतिहास है। डेविड्सको लेखनीका लिखा हुआं है। इसमें वर्णित वृत्तान्त अधिकतर उनको पुस्तक, “बुद्धिस्ट इण्डिया,” के अनुसार हैं। इस इतिहासमें महात्मा बुद्धके जन्म तथा मृत्युकी तिथियों के सम्बन्धमें बहुतसे भिन्न भिन्न कथन हैं। पृष्ठ १५६ पर लिखा है कि “अव विद्वान सामान्यतः इस वातपर सहमत हैं कि महात्मा बुद्धका देहान्त ईसासे लगभग ४८० वर्ष पूर्व हुआ। उस पृष्ठपर एक नोटमें यह संवत् ४८३ ई० पू० स्थिर किया गया है। परन्तु सातवें परिच्छेदके पहले ही अनुच्छेदमें ४८३ को बुद्ध- देवके जन्मका संवत् लिखा गया है। बुधिस्ट इण्डिया" में उक्त अध्यापकने तत्कालीन भारतमें इस लोकतन्त्र राज्योंकी सूची दी है । इस पुस्तकमें उनकी संख्या पन्द्रह लिखो है (पृ० १७५)। पांव जातियाँ वे थीं जिनका उल्लेख यवन दूत मगस्थनोजने किया है परन्तु उनकी अभी पूरी पहचान नहीं हुई। बौद्धकालकी आर्थिक आठ परिच्छेदमें श्रीमती हाइस डेविडस-पतीने उस समयकी आर्थिक अवस्था लिखी है। यह भी "बुधिस्ट ई - "नेही रहे। अवस्था ।
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