प्रस्तावना भारतवर्षका प्राचीन इतिहास हिन्दुओंके भारतवर्षकी उस कालका इतिहास है जब कि मुसलमान इस ऐतिहासिक देशमें नहीं आये थे। ऐतिहासिक काल ईसाके प्राचीनता जन्मके ६०० या ७०० वर्ष पहलेसे आरम्भ होता है। इस यातको सभी मानते हैं कि हिन्दुओंका इतिहास उससे यहुत पहले भारम्भ होता है। संसारमें केवल तीन चार जातियां ऐसी हैं जिनका इतिहास इतनी प्राचीनता तक पहुंचता है। इन प्राचीन जातियोंमें भी केवल एक ही जाति है जिसके पास एक क्रमिक इतिहास मोजूद है। यह चीनी जाति है। उस काल; की केवल दो और प्राचीन जातियां हैं जिनका उल्लेख इतिहास- में मिलता है और जिनके विषयमें दिन पर दिन जानकारी बढ़ती जाती है । ये हैं यायलको जाति और मिस्र देशकी जाति । यदि यूनानियोंको भी सम्मिलित कर लिया जाय तो अधिकसे अधिक पांच जातियां ऐसी कही जा सकती हैं जिनका इतिहास ईसाके ५०० वर्ष पूर्वसे आरम्भ होता है-अर्थात् मिसरी, चीनी, यावली,* भारतीय और यूनानी । इनमें से ऐतिहासिकोंकी दृषिौ । यूनान और भारतकी अपेक्षा वाचल, मित्र, और चीन अधिक प्राचीन गिने जाते हैं और यूनान सबसे कम मिस्रवालों और यावलवालोंका इतिहास उन खंडहरों, शिला-लेखों और मुद्राओं- से तैयार किया जा रहा है जो आधुनिक समयके अन्वेपण- कर्ताओंने भूमिके नीचेसे खोद लोदकर निकाले हैं। यद्यपि यह सामग्री बहुत मूल्यवान् है परन्तु इसका वह महत्व नहीं जो पावलका वर्तमान नाम मेसोपोटामिया या राक परव ।।
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