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वां खण्ड ईसाकी मातकी ज्ञातादी। पहला परिच्छेद महाराजा हर्ष और चीनी पर्यटक सनसाङ्ग । ईसाको सातवीं शताब्दीके आरम्भमें भारतका राजनीतिक मानचित्र फिर बदल जाता है और राजनीतिक शक्ति मगधसे स्थानान्तरित होकर उत्तर-पश्चिमी भारतमें स्थापित होती है। हिन्दू आयों के इतिहासमें थानेश्वर एक या पवित्र म्यान गिना जाता है। यह उस स्थानमें स्थित है जहां कौरवों गौर पाएडवों- का महाभारत युद्ध हुआ था। इस प्रदेशको कुरक्षेत्रको भूमि कहते हैं। इसी क्षेत्रके आसपास हिन्दुओंकी पवित्र नदी सर- स्थती बहती थी। यह वह प्रदेश है जिसे हिन्दु ब्रह्मर्षि-देश वाहते हैं। साकी छठी शताब्दीके आरम्भमें थानेश्वरमें राजा प्रभाकर राज करते थे। ये वैश्य जातिके यताये जाते हैं। इस राजाने