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. गुप्त राजाओंके कालमें हिन्दू-साहित्य और कलाकी उन्नति २२७ किया गया और ७० वर्षकी आयुमें सन् ५६६ में चीनमें उसका देहान्त हो गया। इसी सम्राटके शासन-कालमें दक्षिण भारत बोधि-धर्म । युद्ध- -धर्माका एक और धर्मोपदेष्टा सन् ५२० ई० में चीन गया। यह एक राजाका पुत्र था और इसका नाम योधि- भर्म पा! यह मनुष्य भारतका २८ यां और चीनका पहला कुलपति गिना जाता है। इस वंशके अन्तिम राजाने कन्नौज-पति हर्षको मृत्युके पश्चात् अश्वमेध यज्ञ भी किया। इस वंशका अन्तिम राजा जीवितगुप्त आठवीं शताब्दीकी समातिके निकट मरा । पीछेसे मगधका राज्य धंगालके पाल राजाओंके अधीन हो गया।