भारतवर्पका शतहास इस विषयके बहुतसे प्रमाण एकत्र किये गये है कि लेखन. फला उस समय भारतमें फ़रात नदीके तीरवी प्रदेशोंसे आई *। दूसरा परिच्छेद । बौद्ध और जैन धर्मोंका आरम्भ । भारतीय इतिहासके उस कालमें दो महापुरुप उत्पन्न हुए । उन्होंने दो नये धर्मों की नींव डाली। उनमेंसे एक तो महा. त्मा शाक्य मुनि गौतम बुद्ध थे और दूसरे जैनोंके प्रसिद्ध तीर्थ- दुर श्रीवर्धमान महावीर थे। ये दोनों महापुरुष राजा विवि सारके जीवन-कालमें उत्पन्न हुए । कई ऐतिहासिक इस यातको प्रमाणित मानते हैं कि श्रीमहावोर राजा विधिसारके सम्बन्धी थे। विविसारके पुत्र अजातशत्रुने दोनों महापुरुपोंके दर्शन किये। महात्मा बुद्धका जन्म और चौद्ध धर्मकी उन्नति । राजकुमार शाक्य मुनिका सूत्रोंके पढ़नेसे ऐसा प्रतीत होता है जन्म और विवाह यादि। कि जिस समयमें सूत्रोंका निर्माण हुआ उस समयमें विद्वानों में एक विचित्र झगड़ा चल रहा था। वर्ण-व्यवस्था और जाति-पांतिके पूर्ण भेदने भारी उपद्रव उत्पन्न कर रखा था। ब्राह्मण लोग गत तीन चार वर्षमें जो मये अन्वेषण हुए उन्होंने यह सिद्ध कर दिया । विलेपन कला भारतम वैदिक काल से ही पाई जाती है, यह कहीं बाहरसे नहीं भाई। देखिये रायबहादर गोरोगहर हीराचन्द्र पीझाकत प्राचीन लिपिमाना । अनुवादक। -
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