से १२०० ई॰ तक चालुक्य राजपूत शासन करते थे। इस वंश की दो शाखाएं थीं; पूर्वीयशाखा की राजधानी गोदावरी नदी के तीर पर राजमहेन्द्री और पश्चिमीय की महाराष्ट्र देश में कल्याण नगरी थी। अब इन राजाओं के नामही नाम रह गये हैं।
८—मैसूर देश ९०० ई॰ से १३१० ई॰ तक बल्लालवंश राजपूतों के हाथ में रहा। द्वारसमुद्र इनकी राजधानी थी। यहां उन्होंने हलीबैद का प्रसिद्ध मन्दिर बनवाया। मुसल्मानों ने इनको जीत कर देश अपने अधिकारों में कर लिया।
९—तिलङ्गाने में ११०० ई॰ से १३३३ ई॰ तक ककाती वंश के राजपूत राज करते थे। उनकी राजधानी वारङ्गल थी। १३२३ ई॰ में मुसल्मानों ने वारङ्गल ले लिया और उसको अपनी राजधानी बनाकर गोलकुंडे का राज स्थापित किया।
१०—बंगाले में ५०० बरस तक पाल और सेन वंश के राजा राज करते थे। ८०० ई॰ से लेकर १०५० ई॰ तक पाल राजाओं ने राज किया और १०५० ई॰ से १३०० ई॰ तक सेनवंश का अधिकार रहा। इसके पीछे यह देश मुसल्मानों ने जीत लिया।
११—देवगिरि जो महाराष्ट्र में है वहां ११०० ई॰ से १३०० ई॰ तक यादव वंशी राजपूत राज करते थे और यह कहते थे कि हम श्रीकृष्ण की संतान हैं। १३०० ई॰ के लगभग मुसल्मानों ने देवगिरि को जीतकर उसका नाम दौलताबाद रख दिया।
१२—राठौर चौहान और तोमर राजपूतों के प्रसिद्ध वंश हैं। ११९० ई॰ के लगभग कन्नौज अजमेर और देहली में इनका शासन था। ११९० ई॰ में ग़ोर मुसल्मान भारतवर्ष में आ गये।