पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/११९

यह पृष्ठ प्रमाणित है।
[१११]


थोड़े दिनों तक राज किया। इनके समय में सूबे पर सूबा बिद्रोही होता गया कुछ सूबे तो राजपूत दबा बैठे, और कुछ पठानों ने ले लिये। तुग़लक़ कुटुम्ब के अन्तिम दिल्ली के बादशाह का नाम महमूद था। दिल्ली और उसके आस पास सूबों ही पर यह बादशाहत करता था। इसके समय में तातारी मुग़लों ने अमीर तैमूर की सरदारी में हिन्दुस्थान पर फिर चढ़ाई की।


२६—तैमूर लंग।

१—जिस समय में तुग़लक वंश के अन्तिम बादशाह का दिल्ली में राज था, तुर्किस्तान में एक बड़ा शक्तिमान सर्दार जिसका नाम तिमर या तैमूर था राज करता था।

तैमूर लंग।

तैमूर का शरीर लम्बा और रंग गोरा, ऊंचा माथा चमकीले नेत्र और कड़ी बोली थी। इसकी टांगें लम्बी और उंगलियां मोटी मोटी थीं। यह लंगड़ा था इसी कारण इसे तैमूर लंग कहते हैं। यह बास्तव में तुर्क था और शहर का रहनेवाला था। परन्तु इसकी सेना तातारियों से भरी थी। इस कारण इसको भी तैमूर तातारी कहते हैं।

२—सन् १३९८ ई॰ में तैमूर ने तुर्की तातारियों और इरानियों की एक बड़ी भारी सेना के साथ उत्तर-पश्चिम की राह से आकर हिन्दुस्थान पर धावा मारा और मार