पृष्ठ:भट्ट निबंधावली भाग 2.djvu/३५

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संभाषण अथवा लिखावटों के द्वारा अब तक पाई जाती हैं उन्हे पढ यही बोध होता है मानों हम उनसे प्रत्यक्ष सम्भाषण कर रहे हैं । चिट्ठी-पत्री आधी मुलाकात समझी जाती है और अब तो इस अँगरेज़ी राज्य मे टेलीग्राफ टेलीफान प्राटि कितने नये तरीके मुलाकात के ऐसे ईजाद हुए हैं जिनके द्वारा हम घर बैठे हज़ार कोस की दूरी पर जो लोग हैं उनसे प्रत्यक्ष के समान बात चीत कर सकते हैं। ग्राहक गण सम्भाषण के इसी क्रम पर आरूढ हो मास में एकबार हम भी दाल भान मे मूसल चन्द से आप से सभाषण के लिये श्रा कूदते हैं श्रोर नित्य नैमित्तक कार्य में विघ्न डाल थोडी देर के लिये आप को फंसा रखते हैं उसी की माफी के लिये आज हमने सम्भाषण के जुटे-जुदे तरीके गिनाये हैं जहाँ २४ घटे खाना पीना सोना आदि अपने काम करते हो तहाँ एक छिन हमारे साथ भी गपशप सही। मई १८८