भट्ट-निबन्धावली दिखाय ढेला मारेगे और इतना पानी वरसँगे कि शस्यध्वंस में कहर न पड़े और एक दाना भी तुम्हारे घर में न जाने पावे, राजा की नीयत और प्रजा के पुण्य का फल उजागर कर देंगे इत्यादि। जनवरी १८१४,