पृष्ठ:भट्ट-निबन्धावली.djvu/६९

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

, रुचि निकली तो दूसरे में अतध्यान हो गये। अव पहनावे को लीजिये। लाग कहते हैं, यहाँ के लोग भद्दे हैं, फैशन नहीं जानते। पर यहां अन्य के ग्रन्थ नख-सिख सोलहो सिंगार के ऊपर लिख दिये हैं। यहाँ के अनगिनत किस्म के पोशाक और आभूषण जुदी रुचि के अनुकूल गिनने तगे तो घड़ी दो घड़ा न चाहिये, वरन् दिन का दिन समाप्त हो जाय । तो अप देर तक पढ़ने वालों को इस रुचि के भंवरजाल में फॅमाये रखना और किसी दूसरे लेख के पढ़ने से वचित रग्बना है, इसलिये इस सियापे को अव बन्द कर छोड़ते हैं। पढ़नेवालों की रुचि के अनुकूल फिर कभी निकालेंगे। नवम्भर १६०० - -