बुद्ध गया भारतवर्ष में गया का बौद्ध-मन्दिर बौद्ध-धर्म का एक सबसे घड़ा स्मृति चिह्न है। हिन्दुग्तान में यों तो बौद्धों के चार मुख्य तीर्थ स्थान हैं--(१) कपिलवस्तु-जहाँ बुद्ध का जन्म हुआ था, (२) बुद्ध गया-जहाँबुद्ध को बुद्धत्व प्राप्त हुआ था, (३)श्रावस्ती- जहाँ बुद्ध ने सबमे पहले अपने धर्म का प्रचार किया था, (४) कुसीनगर-जहाँ बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था। इन चारों में वुद्ध-गया का सबसे बड़ा भारी महत्व है। कहा जाता है कि बुद्ध ने अपने निर्वाण के समय अपने समस्त अनु- याइयों को यह आदेश दिया कि वह इस स्थान के दर्शन करते रहें। इस मन्दिर का निर्वाण बुद्ध के २३६ वर्प वाद सम्राट अशोक ने किया था। और मन्दिर को सुरक्षित रखने के लिये उसके चारों तरफ एक मजबूत पत्थर की चहारदीवारी वनवा दी थी, जिसके खण्डहर अब भी देखने को मिलते हैं। बहुत काल तक तो यह मन्दिर मगध के राजाओं की आधी- नवा में रहा । जव मुसलमानों की शक्ति बढ़ी और उन्होंने भारत- वर्प पर आक्रमण किया और विहार उनके दखल में आ गया, तब १२०० ईस्त्री में बख्तियार खिलजी ने इस मन्दिर को विध्वंस
पृष्ठ:बुद्ध और बौद्ध धर्म.djvu/२६२
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।