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- सद्गुरवे नमः * ,
अथ सद्गुरु साहिब का मुख्य ग्रन्थ । बीजक मूलं । ६ प्रथम प्रकरण ___ रमैनी ॥१॥ अन्तर ज्योति शब्द एक नारी ।। हरि ब्रह्मा ताके त्रिपुरारी ॥ ते तिरिये भग लिंग अनन्ता । तेउ न जाने आदिउ अंता ।। वाखरि एक विधाते ई कीन्हा चौदह ठहर पाट सो लीन्हा ।। हरि हर ब्रह्मा । महतो नाऊँ । तिन्ह पुनि तीन बसावल गाऊँ ।। तिन्ह पुनि रचल खंड ब्रह्मंडा । छौ दर्शन छानवे पाखंडा ।। पेट न काहू वेद पढ़ाया । सुन्नति कराय तुरुक नहिं आया ॥ नारी मों चित गर्भ प्रसूती ।। स्वांग धरे बहुतै करतूती । तहिया हम तुम पर लोहू । एके प्राण वियापै मोहू ॥ एकै जना जना।