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कहरा। (४६९) छोरि लिया और और तिहारो साहब बनाइ दियो सो कबीरजी कहै हैं कि जो ऐसो मनुष्य शरीर में साहबको ज्ञान न भयो कि मैं साहबको हाँ तो या अवसर बीत गये कहे या शरीर छूटिगये फेरि रतन जोहै आपने स्वरूपको ज्ञान कि मैं साहब को अंशहौं सो पुनि न मिलैगो औ साहवको ज्ञानकै देनवारो राम नाम न मिलैगो औ आगे जे कहि आये पंचांगोपासनवारे कापालिकादिक मतवारे व्याकरणी सांख्य मीमांसावारे नैयायिक कणाद्वारे शंकरवेदांती नास्तिक मतवारे जो या कहै हैं कि हमारे मतमें काहे मुक्ति नहीं होय है सो कहै। हैं पंचांगोपासना तौ सगुणहै सो सत रज तम ये गुण माया के हैं सो मायाते माया नहीं छूटै है या असंभवहै औ कापालिकादिक व्याकरणादि भैरवको मानै हैं सो वेद विरुद्धहै ई मुक्तिदाता कोई नहीं हैं तामें प्रमाण। “मुक्तिदाता च सर्वे षां राम एव न संशयः ॥ औ वैयाकरण शब्दब्रह्मते मुक्ति माने हैं सो केवल शव्दब्रह्मक जाने मुक्ति नहीं होयहै जब शब्दब्रह्मको जानिकै परब्रह्मको जानै तब मुक्ति होइँहै तामें प्रमाण॥ “शब्दे ब्रह्मणि निष्णातो न निष्णायात्परे यदि । श्रमस्तस्य श्रमफलोद्यधेनुमिव रक्षतः ॥ ॐ ॐ ज्योतिषी कालज्ञानते मुक्ति माने हैं खो कालहूके कालजे श्री रामचन्द्र तिनके बिना जाने मुक्ति नहीं होयहै। तामें प्रमाण ॥ ** यः कालकाले गुणी सर्ववेत्ता ? ॥ औ सांख्यवारे प्रकृति पुरुषते मुक्ति सानै हैं सो पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र तिनके विनाजाने मुक्ति नहीं होयहै तामें प्रमाण ॥ * वन्दे महापुरुष ते चरणारविंदम् ॥' औ पूर्वमीमांसावारे कर्म ते मुक्ति मानै हैं सो कर्म ते मुक्ति नहीं होय है कर्म त्यागेते मुक्ति होगहै तामें प्रमाण ॥ न कर्मणा न प्रजयाधनेन त्यागेनैके अमृतत्त्वमानशुः इति श्रुतेः ॥ ॐ नैयायिक ईश्वर श्री रामचन्द्रही हैं तामें प्रमाण॥ * तमीश्वराणां परमं महेश्वरं ॥ कणाद्वारे नौगुणध्वंस मुक्त मानै हैं सो नौ गुणध्वंसही मुक्ति नहीं होयहै नौगुणध्वंस भये उपरांत जब भाक्त होय है तब मुक्ति होयहै तामें प्रमाण ॥ * ब्रह्मभूतः प्रसन्नात्मा नशोचति न कांक्षति । समः सर्वेषु भूतेषु मद्भक्तिं लभते परां।औ शङ्कर वेदांती ब्रह्म ज्ञान करिकै मुक्ति मानै हैं सो जीव ब्रह्म कभी होतही नहीं है तामें प्रमाण ॥ “सत्य आत्मा सत्यो जीवः सत्यंभिःसत्यंभिदः ॥ औ नास्तिक चार प्रकार हैं-सौगत १ विज्ञानवादी २ सौ