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                   रमैनी ।
                                ( ३९) 

धिशब्द, झांईऔपुनि सार ॥ ९ ॥ रमैनी ॥ पार्च तीनि नो छी औचार ॥और अँठारह करे पुकार ॥ कर्मधर्मतीरथकेभाव ॥ ईसवकाशब्दकेदाव ॥ सोहआत्माव्रह्मलखाव ॥ तत्वमसी नृत्युजयभाव ॥ पंचकोश नैवकोश वखान ॥ सत्यझूठ मेंकरे अनुमान ॥ ईश्वरसाक्षी जाननिहार ॥ येसवसंधिककहैविचार॥कारजकारणजहांनहोय।मिथ्याको मिथ्याकहिसोय ॥ वैन चैननहिं मौनरहाय ॥ ईसबझांईदीनभुलाय॥कोइ काहूका कहानमान॥जोजेहिभावेतहरुझान ॥ परेजीवतेहि यमकेधार॥जलपावेशव्दनसार॥जीव सहदुखदेखिदयाल॥ तवप्रेरीप्रभुपरखरि साल ॥ साक्षी ॥ परखायेप्रभु ऍक को, जामे चारप्रकार ॥ काल संधि झांई लखी लखी शब्द मत सार ॥ १०॥ रमैनी ॥ प्रथमेएकशब्दरूढ ॥ तेहितकि कर्मकरेवहुमूढ़ ॥ ब्रह्मभरमहोयसब [ जग ] में पैठा ॥ निरमलहोयफिरेवहुऐंठा ॥ भरमसनातन गावे पर्चे । अटकि रहैनरभवकी सँच ॥ अगेपीछेदहिनेवाये ॥ भरमरहाचदिशि छाये ॥ उठीभर्मनरफिरउदास ॥ घरकोत्यागिकियोवनवास ॥

 ६३ पांच तत्व ६४ तीनगुण ॥ ६५ नौ व्याकरण ॥६६ छौशास्त्र ॥ ६७ चार वेद ऋगवेद १ यजुर्वेद २ सामवेद ३ अथर्ववेद६८अठारह पुराण ॥ १मा - कंडे पुराणे २ मत्स्य पुराण ३ भागवत ४ भविष्यत पुराण ५ ब्रह्म वें वर्तक ६ ब्रह्माण्ड पुराण ७ ब्रह्मपुराण ८ विष्णुपुराण १० वाराहपुराण ११ वायुपुराण अग्निपुराण १३ नारद पुराण १४ पद्म पुराण १५ कूर्म पुराण १६ स्कंद पुरा ण १७ लिंग पुराण १८ गरुड़ पुराण ॥ ६९ नाम वायु ७० अन्नमय, प्राणम य, मनेामय, ज्ञानमय, विज्ञानमय ( आनंदमय )७१ उपरोक्त ५ और शब्दमय १ प्रकाशमय २ आकाशमय ३ आनंदमय ४ देखो बालक के ५० वीं साखी का टाका पृष्ट ३६१ और कबीर मंगूर बड़ा पृष्ट ६९६ ॥ ७२ बाणी ॥

७३ फंस गया ।। ७४ कठिन ॥ ७५ शब्द ॥ ७६ पांचतत्व ७७ कीचड़ पंक, कांदो ॥ ७८ निराकार ॥