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विरहवारीशमाधवानलकामकंदला चरित्रभाषा॥ (बोधाकविकृत) प्रथमखण्ड पूर्वार्द्धभाग॥ जिसमें वोधा कबिने माधवानल का कामकंदलाके पूर्व जन्मका चरित्र वा माधवानल कामकंदला के विरह का वर्णन वा कामसैन और विक्रमादित्य राजाकी लड़ाई वा फिर माधवानल का* मकंदला का समागम वर्णनकिया है। वैश्यकुलोत्पन्न कन्हैयालाल कुरेले के ज्येष्ठ पुत्र गणेश प्रसादने सब काव्यानुरागियों के अव. लोकनार्थ शुद्ध करके प्रकाशित किया ॥ प्रथमबार लखनऊ मुंशीनवलकिशोर (सी, आई, ई.) के छापेखाने में छपी। 2 जून सन् १८९४ ई० ॥ हकर्तसनीफ़ महफूज है वहक इसका खाने के । जिसको EMPOOR