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32 बा और बापू कही यात्रा करते, तो सारे दल में 'बा' का विस्तरा सबसे छोटा और एक छोटी-सी अटेची बिल्कुल ज़रूरी चीज़ो को होती। बापू कहा करते,"'वा' हम सबको हराती हैं। इतना कम सामान और इतनी कम जरूरत किसी दूसरे की नहीं है। मैं सादगी का इतना आग्रह रखता है, परन्तु फिर भी मेरा सामान 'बा' से दुगुना है।"