पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८७

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घाटा श्राटा-संज्ञा पुं० पिसान | आठ-वि० चार का दूना । श्राडंबर - संज्ञा पुं० [ वि० भाडंबरी ] १. ऊपरी बनावट । तड़क-भड़क । २. आच्छादन । श्राडंबरी - वि० ढोंगी । आड़-संज्ञा स्त्री० १. ओट । परदा । २. रक्षा । श्राश्रव । ३. रोक । संज्ञा पुं० [सं० अल = डंक ] या भिड़ आदि का डंक । संज्ञा स्त्री० [सं० भालि = रेखा ] लंबी टिकली जिसे स्त्रिय माथे पर लगाती हैं । श्राडून -संज्ञा स्त्री० ढाल | आड़ना- क्रि० बिच्छू स० १. रोकना । छकना । २. बाँधना । आड़ी-संज्ञा स्त्री० और । तरफ़ । श्राढ़त - संज्ञा स्त्री० किसी अन्य व्या- पारी के माल की बिक्री करा देने का व्यवसाय । श्राढ़तिया - संज्ञा पुं० दे० " अढ़तिया " । श्रत्य - वि० [सं०] १. संपन्न । २. युक्त । विशिष्ट । श्रक-संज्ञा पुं० [सं०] एक रुपए का सोलहवाँ भाग । श्राना । श्रातंक -संज्ञा पुं० १. रोब । दबदबा । २. भय । श्राततायी -संज्ञा पुं० [स्त्री० श्राततायिनी ] १. आग लगानेवाला । २. विष देनेवाला । ३. ज़मीन, धन या स्त्री हरनेवाला । आतप - संज्ञा पुं० १. धूप । २. गर्मी । श्रातपी -संज्ञा पुं० सूर्य । वि० धूप का । धूप-संबंधी । आतमा - संज्ञा स्त्री० दे० "आत्मा" । अतश-संज्ञा स्त्री० भाग । अग्नि । ७६ श्रात्मतुष्टि श्रतिशक- संज्ञा पुं० [वि० भातशकी ] फिरंग रोग । गर्मी । श्रतिशदान - संज्ञा पुं० अँगीठी । श्रतिशपरस्त -संज्ञा पुं० श्रग्निपूजक । पारसी । श्रतशबाज़ी - संज्ञा स्त्री० बारूद के बने हुए खिलौनों के जलने का दृश्य । श्रतशी - वि० [फा०] श्रग्नि-संबंधी । श्रातिथ्य -संज्ञा पुं० मेहमानदारी । श्रतिश-संज्ञा स्त्री० दे० " श्रतश" । श्रतिशय्य-संज्ञा पुं० ज्यादती । श्रातुर - वि० [ संज्ञा आतुरता ] १. व्याकुल । व्यद्म । २. दुःखी । क्रि० वि० शीघ्र | जल्दी | आतुरता - संज्ञा स्त्री० १. व्याकुलता । २. जल्दी | आतुरताई - संज्ञा स्त्री० दे० "श्रातु- रता" । श्रातुरी - संज्ञा स्त्री० १ घबराहट । २. शीघ्रता । श्रात्म-वि० अपना । आत्मगौरव - संज्ञा पुं० अपनी बढ़ाई या प्रतिष्ठा का ध्यान । श्रात्मघात -संज्ञा पुं० अपने हाथों अपने को मार डालने का काम । श्रात्मज -संज्ञा पुं० [ स्त्री० भात्मजा ] १. पुत्र । लड़का । २. कामदेव । श्रात्मश-संज्ञा पुं० जिसे विज स्वरूप का ज्ञान हो । श्रात्मज्ञान-संज्ञा पुं० जीवाश्मा और परमात्मा के विषय में जानकारी । आत्मज्ञानी -संज्ञा पुं० भ्रात्मा और परमात्मा के संबंध में जानकारी रखनेवाला । आत्मतुष्टि -संज्ञा स्त्री० श्रात्मज्ञान से