पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/५६

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अबरक मारना उचित न हो । २. जिसे कोई मार न सके । अबरक-संज्ञा पुं० एक धातु जिसकी तहें काँच की तरह चमकीली होती हैं। श्रबरन - वि० जिसका वर्णन न हो सके । श्रकथनीय | वि० बिना रूप-रंग का । वर्णशून्य । " संज्ञा पुं० दे० "श्रावरण' 1 श्रबरा - संज्ञा पुं० 'अस्तर' का उलटा । उपल्ला । श्रबरी - संज्ञा स्त्री० १. एक प्रकार का धारीदार चिकना काग़ज़ । २. एक पीला पत्थर जो पच्चीकारी के काम में आता है । ३. एक प्रकार की लाह रँगाई अबल - वि० निर्बल । कमज़ोर । अबला - संज्ञा स्त्री० स्त्री । औरत । बा - संज्ञा पुं० श्रंगे से नीचा एक ढीला- ढाला पहनावा | श्रबाती - वि० १. बिना वायु का । २. जिसे वायु न हिलाती हो । ३. भीतर-भीतर सुलगनेवाला । अबादान - वि० बसा हुआ । पूर्ण । भरा पूरा । 1 अबाध - वि० १. बाधारहित । बेरोक । २. बेहद । बाधित - वि० १. बेरोक । २. स्व- च्छंद । श्रबाध्य - वि० [सं०] बेरोक | अबाबील - संज्ञा स्त्री० काले रंग की एक चिड़िया । कृष्णा | कन्हैया | अबार - संज्ञा स्त्री० देर । बेर । विलंब | प्रबास – संज्ञा पुं० रहने का स्थान । घर । मकान । अबीर - संज्ञा पुं० [वि० अबीरी ] रंगीन बुकनी या श्रवरक का चूर जिसे लोग ४८ अभंजन होली में इष्ट मित्रों पर डालते हैं । बीरी - वि० अबीर के रंग का । संज्ञा पुं० अबीरी रंग । अबुझ - वि० अबोध । नासमझ । अबे - श्रव्य० श्ररे । हे । (छोटे या नीच के लिये संबोधन ) अबेर - संज्ञा स्त्री० विलंबू | श्रबोध-संज्ञा पुं० श्रज्ञान । मूर्खता । वि० अनजान | नादान । मूर्ख । अबोला - संज्ञा पुं० रंज से न बोलना । रूठने के कारण मौन | अब्ज - संज्ञा पुं० १. जल से उत्पन्न वस्तु । २. कमल । ३. शंख । ४. चंद्रमा । ५. कपूर । ६. सौ करोड़ | अरब । श्रब्जा - संज्ञा स्त्री० लक्ष्मी । अब्द - संज्ञा पुं० १. वर्ष । . साल । २. मेघ । अब्धि-संज्ञा पुं० १. समुद्र । सागर । २. सरोवर । ताल | अब्धिज-संज्ञा पुं० [स्त्री० अब्धिजा ] १. समुद्र से पैदा हुई वस्तु । २. शंख । ३. चंद्रमा । ४. अश्विनी- कुमार | अब्बास-संज्ञा पुं० [वि० अब्बासी] एक पौधा जो फूल के लिये लगाया जाता है । गुले धब्बास | गुलाबस । अब्बासी - संज्ञा स्त्री० १. मिस्र देश की एक प्रकार की कपास । २. एक प्रकार का लाल रंग । अब्र - संज्ञा पुं० बादल । मेघ । अब्रह्मण्य - संज्ञा पुं० [सं० ] वह कर्म जो ब्राह्मयोचित न हो । अभंग - वि० अखंड | अटूट । पूर्ण । अभंगी - वि० अभंग । पूर्ण । अभंजन - वि० अटूट | अखंड |