कुफ कुफ -संज्ञा पुं० मुसलमानी मत से भित्र अन्य मत । कुबंड -संज्ञा पुं० धनुष । कुबजा -संज्ञा स्त्री० दे० "कुब्जा" या "कुवरी" । वह कबड़ा - संज्ञा पुं० [स्त्री० कुबड़ी ] पुरुष जिसकी पीठ टेढ़ी हो गई या कुक गई हो। वि० टेढ़ा | कुबड़ी -संज्ञा स्त्री० १. दे० "कुबरी” । २. वह छड़ी जिसका सिरा झुका हुआ हो । कुबरी - संज्ञा स्त्री० टेढ़िया । कुबाक :- संज्ञा पुं० दे० " कुवाक्य" । कुबानि - संज्ञा स्त्री० कुटेव । कुबानी -संज्ञा पुं० बुरा व्यापार । कुबुद्धि - वि० दुबुद्धि | संज्ञा स्त्री० मूर्खता । कुबेला - संज्ञा स्त्री० बुरा समय । कुब्ज - वि० [स्त्री० कुब्जा ] कुबड़ा । संज्ञा पुं० एक वायुरोग जिसमें छाती या पीठ टेढ़ी होकर ऊँची हो जाती है । कुमंठी - संज्ञा स्त्री० पतली लचीली टहनी । कुमक - मंशा स्त्री० १. सहायता । २. पक्षपात । कुमकी - वि० संबंध रखनेवाला | संज्ञा स्त्री० हाथियों के पकड़ने में सहा- यता करने के लिये सिखाई हुई हथनी । कुमकुम-संज्ञा पुं० केसर । कुमार - संज्ञा पुं० [स्त्री० कुमारी ] १. पाँच वर्ष की अवस्था का बालक | २. पुत्र । ३. युवराज । कुमक का | कुमक से १७३ वि० बिना ब्याहा । करंग कुमारग - संज्ञा पुं० दे० " कुमार्ग" । कुमारतंत्र - संज्ञा पुं० वैद्यक का वह भाग जिसमें बच्चों के रोगों का निदान और चिकित्सा हो । कुमारिका - संज्ञा स्त्री० कुमारी ! कुमारी - संज्ञा स्त्री० बारह वर्ष तक की अवस्था की कन्या । वि० [स्त्री० बिना ब्याही । कुमार्ग - संज्ञा पुं० [वि० कुमार्गी ] बुरा मार्ग । कुमार्गी - वि० [स्त्री० कुमार्गिनी ] बद- चलन । कुमुख - वि० पुं० [स्त्री० कुसुखी] जिसका चेहरा देखने में अच्छा न हो । कुमुद -संज्ञा पुं० १. कुई । २. बाल कमल । ३. दक्षिण-पश्चिम कोण का दिग्गज । कुमुद बंधु- संज्ञा पुं० चंद्रमा । कुमुदिनी - संज्ञा स्त्री० कुईं । कुमुदिनीपति - संज्ञा पुं० चंद्रमा । कुमेरु - संज्ञा पुं० दक्षिणी ध्रुव । कुम्हड़ा-संज्ञा पुं० एक फैलनेवाली. बेल जिसके फले की तरकारी होती है । कुम्हड़ौरी- संज्ञा स्त्री० एक प्रकार की बरी जो पीठी में कुम्हड़े के टुकड़े मिलाकर बनाई जाती है । कुम्हलाना - क्रि० भ० मुरकाना । कुम्हार - संज्ञा पुं० [स्त्री० कुम्हारिन ] मिट्टी के बरतन बनानेवाला । कम्ही -संज्ञा स्त्री० जलकुंभी । कुरंग - संज्ञा पुं० [स्त्री० कुरंगों] हिरन । संज्ञा पुं० बुरा लक्षख ।
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