पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१७

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अंतर्वेदी देश जिसके अंतर्गत यज्ञों की वेदियाँ हों। २. गंगा और यमुना के बीच का देश । ब्रह्मावर्त। ३. दो नदियों के बीच का देश । दोश्राव । अंतर्वेदी - वि० [अंतर्वेद का निवासी । गंगा यमुना के दोआब में बसने वाला । अंतर्वेशिक संज्ञा पुं० [अंतःपुर-रक्षक | अंतर्हित - वि० गुप्त | छिग हुआ । अंतर्वर्ण-संज्ञा पुं० अंतिम वर्ण का । शूद्द । अंतर्शय्या - संज्ञा स्त्री० १ मृत्युशय्या | २. श्मशान | मरघट । ३. मृत्यु । अंतस - संज्ञा पुं० [अंतःकरण | हृदय | चित्त । अंतसद - संज्ञा पुं० शिष्य | चेला | श्रतस्थ - वि० [ विशे० अंतस्थित ] १. भीतर का | भीतरी । २. बोच में स्थित । मध्य का । मध्यवर्ती । बीच- वाला । ३. य, र, ल, घ, ये चारों वर्ण । 1 अंतस्नान - संज्ञा पुं० वह स्नान जो यज्ञ समाप्त होने पर किया जाता है । अंतस्सलिल - वि० जिसके जल का प्रवाह बाहर न देख पड़े, भीतर हो । जैसे-तस्सलिला सरस्वती । अंतस्सलिला - संज्ञा स्त्री० १. सरस्वती नदी । २. फजगू नदी । अंतावरी - संज्ञा स्त्री० तड़ी | श्रांतों का समूह | अंतिम - वि० [सं०] १. जो अंत में हो । अंत का | आखिरी | सबके पीछे का । २ घरम | सबसे बढ़कर । दरजे का । अंतेउर, अंतेवर - संज्ञा पुं० [अंतःपुर | जनानखाना | ६ अंत्याक्षरी अंतेवासी संज्ञा पुं० १. गुरु के समीप रहनेवाला । शिष्य । २. ग्राम के बाहर रहनेवाला। चांडाल | अंत्यज । अंतःकरण - संज्ञा पुं० १ वह भीतरी इंद्रिय जो संकल्प, विकरूप, निश्चय, स्मरण तथा सुख-दुःखादि का अनु- भव करती है। मन । २. विवेक । नैतिक बुद्धि । अंतःपटी - संज्ञा स्त्री० १. किसी चित्र- पट में नदी, पर्वत, नगर आदि का दिखलाया हुआ दृश्य । २. नाटक का परदा । अंतःपुर - संज्ञा पुं० जनानखाना | ज़- नाना । भीतरी महल । रविवास | हरम । अंतःपुरिक संज्ञा पुं० [अंतःपुर का रक्षक । कंचुकी । अंतःराष्ट्रीय - वि० दे० "सार्वराष्ट्रीय | श्रत्य - वि० अंत का अंतिम । श्रा ख़िरी | सबसे पिछला । सज्ञा पुं० १. वह जिसकी गणना अंत में हो । २ दस सागर की संख्या (१०००,०००,०००,०००,०००)। यम । अंत्यकर्म - संज्ञा पुं० अंत्येष्टि क्रिया | अंत्यज - संज्ञा पुं० वह जो अंतिम वर्ण में उत्पन्न हो । शूद्र | अंत्यवर्ण - संज्ञा पुं० १. अंतिम वर्ण । शूद्र | २ अंत का अक्षर 'है' । अंत्या संज्ञा स्त्री० चांडाली । चांडाल की स्त्री । चांडालिनी । अंत्याक्षर - संज्ञा पुं० १. किसी शब्द या पद के अंत का अक्षर । वर्णमाला का अंतिम अक्षर 'ह' । अंत्याक्षरी - संज्ञा स्त्री० किसी कहे हुए श्लोक या पद्य के अंतिम अक्षर से २.