पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५६

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

कर्मना कर्मनाक - क्रि० वि० दे० "कर्मणा" । कर्मनाशा - संज्ञा बी० एक नदी जो बौला के पास गंगा में मिलती है । कर्मनिष्ठ - वि० क्रियावान् । कर्मभू-संज्ञा स्त्री० दे० "कर्मक्षेत्र" । कर्मभोग - संज्ञा पुं० १. कर्मफल । २० पूर्व जन्म के कर्मों का परिणाम । कर्ममास - संज्ञा पुं० सावन मास । कर्मयुग - संज्ञा पुं० कलियुग । कर्मयोग - संज्ञा पुं० चित्त शुद्ध करने- वाला शास्त्र - विहित कर्म । कर्मरेख - संज्ञा स्त्री० भाग्य की लिखन । कर्मवाच्य क्रिया- संज्ञा स्त्री ० वह क्रिया जिसमें कर्म मुख्य होकर कर्त्ता के रूप से आया हो । कर्मवाद - संज्ञा पुं० १. मीमांसा, जि- समें कर्म प्रधान है । २. कर्मयोग | कर्मवादी - संज्ञा पुं० कर्मकांड को प्रधान माननेवाला । मीमांसक । कर्मवान् - वि० दे० " कर्मनिष्ट" । कर्मविपाक - संज्ञा पुं० पूर्व जन्म के किए हुए शुभ और अशुभ कर्मों का भला और बुरा फल । कर्मशील - संज्ञा पुं० १. कर्मवान् । २. यक्षवान् । कर्मशूर - संज्ञा पुं० उद्योगी । कर्मसंन्यास - संज्ञा पुं० १. कर्म का त्याग । २. कर्म के पक्ष का त्याग । कर्मसाक्षी - वि० जिसके सामने कोई काम हुआ हो । संज्ञा पुं० वे देवता जो प्राणियों के कर्मों को देखते रहते हैं और उनके साक्षी रहते हैं; जैसे- सूर्य, चंद्र, अभि । कर्महीन - वि० १. जिससे शुभ कर्म १४८ कुई म बन पड़े । २. अभागा । कर्मिष्ठ - वि० १. कर्म करनेवाला । २. दे० " कर्मनिष्ठ" । कर्मी - वि० [स्त्री० कर्मिणी] कर्म करने- वाला । कर्मेद्रिय- संज्ञा स्त्री० वह अंग जिससे कोई क्रिया की जाती है । वि० कड़ा । कर्शना - क्रि० भ० कड़ा होना । कर्ष - संज्ञा पुं० १. सोलह माशे का एक मान । २. खिंचाव | कर्षक - संज्ञा पुं० १. खींचनेवाला । २. हल जोतनेवाला । कर्षण- संज्ञा पुं० [वि० कर्षित, कपंक, कर्षणीय, क] १. खींचना। २. जोतना । कपना:- क्रि० स० खींचना । कलंक- संज्ञा पुं० १. दाग़ । २. लांछन । ३. दोष | कलंकित - वि० लांछित । कलंकी - वि० [स्त्री० कलंकिनी] देोषी । + सज्ञा पुं० कल्कि अवतार | कलंदर - संज्ञा पुं० १. एक प्रकार के मुसलमान साधु जो संसार से विरक्त रहते हैं । २. रीछ और बंदर मचाने- वाला । कलंब - संज्ञा पुं० १. शर । २. कदंब | कल - संज्ञा पुं० १. अव्यक्त मधुर ध्वनि । २. धी । वि० सुंदर | संज्ञा स्त्री० १. धाराम । २. संतोष । क्रि० वि० १. आनेवाला दिन । २. बीता हुआ दिन । संज्ञा स्त्री० युक्ति । यंत्र । कलई-संशा स्त्री० १. रांगा । २.