पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५०

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कमीना नहीं होते। कमीना - वि० [स्त्री० कमीनी ] नीच । कमेरा - संज्ञा पुं० मज़दूर । कमेला - संज्ञा पुं० वध - स्थान । कमोदिन | संज्ञा स्त्री० दे० "कुमु- दिनी" । कमोरा-संज्ञा पुं० [स्त्री० कमोरी, कमो- रिया ] घड़ा । कया - संज्ञा स्त्री० दे० " काया" । क़याम - संज्ञा पुं० १. ठहराव । २. विश्राम स्थान | कयामत - संज्ञा स्त्री० १. मुसलमानों, "ईसाइयों और यहूदियों के अनुसार सृष्टि का वह अंतिम दिन जब सब मुर्दे उठकर खड़े होंगे और ईश्वर के सामने उनके कर्मों का लेखा रखा जायगा । २. प्रलय । कयास - संज्ञा पुं० [वि० क्रयासीं ] अनुमान । करंक - संज्ञा पुं० १. मस्तक । २. ना. रियल की खोपड़ी । ३. पंजर । करंज -संज्ञा पुं० १. कंजा । २. एक छोटा जंगली पेड़ । संज्ञा पुं० मुर्गा | करंजा - संज्ञा पुं० दे० "कंजा" । वि० खाकी । करंड -संज्ञा पुं० १. शहद का छत्ता । २. तलवार । ३. डला । संज्ञा पुं० कुरुल पत्थर जिस पर रखकर हथियार तेज किए जाते हैं । • कर - संज्ञा पुं० १. हाथ । २. हाथी की सूँड़ । ३. सूर्य्य या चंद्रमा की किरण । ४. मालगुज़ारी । महसूल । + प्रत्य० संबंध कारक का चिह्न । का। करक-संज्ञा पुं० १. कमंडलु । २. अनार । १४२ करतबी संज्ञा स्त्री० कलक | करकच - संज्ञा पुं० समुद्री नमक । करकट -संज्ञा पुं० कूड़ा । फाड़न । करकना- क्रि० प्र० दे० "फड़कना " | ॐ वि० स्त्रो० करकरा ] खुरखुरा । करकराहट - संज्ञा त्रो० खुरखुराहट । करकस - वि० दे० " कर्कश " । कर खा - संज्ञा पुं० १. दे० " कड़खा " । २. एक प्रकार का छंद । संज्ञा पुं० दे० " कालिख" । करगता - संज्ञा पुं० सोने, चाँदी या सूत की करधनी । करग्रह - संज्ञा पुं० ब्याह | करघा - संज्ञा पुं० कपड़ा बुनने का यंत्र । करचंग-संज्ञा पुं० १. ताल देने का एक बाजा । २. डफ । करछा - संज्ञा पुं० [ स्त्री० करछी ] बड़ी करछो । करछाल - संज्ञा स्त्रो० उछाल । करज-सज्ञा पुं० १. नख । २. उँगली । करजेाड़ी - संज्ञा स्त्री० हत्थाजोड़ी नाम की श्रपधि । करटक-संज्ञा पुं० कौश्रा । करटी - संज्ञा पुं० हाथी । करण - संज्ञा पुं० १. व्याकरण में वह कारक जिसके द्वारा कर्त्ता क्रिया को सिद्ध करता है और जिसका चिह्न 'से' है । २. हथियार । ३. क्रिया । ४. हेतु ।

  • संज्ञा पुं० दे० "कर्ण" । करणीय - वि० करने योग्य । करतब - संज्ञा पुं० [वि० करतबी ] १. । २. कला । करतबी - वि० काम करनेवाला |