इकसठ - इकसठ - वि० साठ और एक । इकसर - वि० अकेला । इक सूत - वि० एक साथ । इकट्ठा । इकहरा - वि० दे० " एकहरा" । इकात - वि० दे० "एकांत" । इक्का - वि० [सं० एक ] १. श्रकेला । २. अनुपम । बेजोड़ | संज्ञा पुं० १. एक प्रकार की दो पहिए की घोड़ागाड़ी जिसमें एक ही घोड़ा जाता जाता है । २. ताश का वह पत्ता जिसमें किसी रंग की एक ही बूटी हो । इक्का-दुक्का - वि० अकेला । दुकेला । इक्कीस - वि० बीस और एक । इक्यावन - वि० पचास और एक । इक्यासी - वि० अस्सी और एक । इतु-संज्ञा पुं० ईख । गन्ना । इक्ष्वाकु - संज्ञा पुं० सूर्यवंश का एक प्रधान राजा । इख्तियार - संज्ञा पुं० १. अधिकार । २. सामर्थ्य | इच्छा - संज्ञा स्त्री० एक मनोवृत्ति जो किसी सुखद वस्तु की प्राप्ति की ओर ध्यान ले जाती है। कामना । ला- जसा । श्रभिलाषा । चाह । इच्छाभोजन - संज्ञा पुं० जिन जिन वस्तु की इच्छा हो, उनको खाना । इच्छित - वि० चाहा हुआ । इच्छुक - वि० चाहनेवाला । इजराय -संज्ञा पुं० १. जारी करना । प्रचार करना । २. व्यवहार । अमल । इजलास -संज्ञा पुं० १. बैठक । २. कचहरी । न्यायालय । इजहार - संज्ञा पुं० १. ज़ाहिर करना । प्रकट करना । २. अदालत के सामने बयान | साक्षी । १२ इतराइट इजाजत - संज्ञा सी० १. आज्ञा मंजू । 1 इज़ाफ़ा - संज्ञा पुं० बढ़ती । वृद्धि । इजार-संज्ञा स्त्री० पायजामा | इज़ारबद-संज्ञा पुं० सूत या रेशम का बना हुआ जालीदार बँधना जो पायजामे या लहँगे के नेफे में उसे कमर से बाँधने के लिये पड़ा रहता है । नारा | इजारदार, इजारेदार - वि० ठेकेदार | अधिकारी । इजारा - संज्ञा पुं० १. ठेका । २. अधि- कार । इज्ज़त-संज्ञा स्त्री० प्रतिष्ठा । भादर । इज़तदार - वि० प्रतिष्ठित । इठलाना - क्रि० भ० १. इतराना । २. मटकना | नखरा करना । इठलाहट -संज्ञा स्त्री भाव । ० इठलाने का इठाई -संज्ञा स्त्री० १. प्रीति । २. मित्रता । इती - क्रि० वि० इधर । यहाँ । इतना - वि० इस कदर । इतनों+ - वि० दे० "इतना" । इतमाम -संज्ञा पुं० इंतज़ाम | इतमीनान - संज्ञा पुं० विश्वास । संतोष | विरोध | इतर - वि० १. दूसरा । २. नीच । २. साधारण | संज्ञा पुं० दे० " अतर" | इतराजी-संशा ल• बिगाड़ | नाराजी | इतराना- क्रि० अ० १. घमंड करना । २. ठसक दिखाना । इठलाना । इतराहटः-संज्ञा स्त्री० दपं । घमंड |
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