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प्रेमघन सर्वस्व

कार्तिक की दीपावली अमावाष्या से नवीन सम्वत् और उसका आरम्भ करते हैं। यद्यपि कुल रीति के अनुसार हमारे देश के भी अनेक महाजन लोग दीवाली से अपना नया कागज बदलते और कोई धनतेरस देवोत्थानी एकादशी से, परन्तु वे सम्वत् के हिसाब को नहीं बिगाड़ते, योंही जिमींदार लोग विजयादशमी से नये तहसील के साथ अपने गाई हिसाब किताब के कागज बदलते हैं, किन्तु वे लोग प्रायः फसलीसन् का व्यवहार करते हैं। सारांश विक्रमादि सम्वतों के व्यवहार करनेवालों का चैत्र शुक्ल को छोड़ और दिन से उसका आरम्भ मानना निपट अनर्गलपन है।

श्रावण १६९१ वैक्रमीय